दोस्तो, आजका जो लेख है, वो हमने narazgi ki shayari in hindi पर लिखा है, अगर यही ही लेख ढूंढ रहे थे तो आप सही लेख पर आए है, अगर आपके दोस्त या आपका प्यार आपसे नाराज़ हुआ है, तो उसे मनाया भी जा सकता है, बस हमारे इस लेख की शायरियां उन्हें सुना देना।
ज़िन्दगी में ग़म और खुशियाँ आती जाती रहती है, जिससे हम कभी रूठ जाते है, तो कभी झूमते गाते है, ये तो ज़िन्दगी के सफर में साथ साथ चलता ही रहता है, इसका मतलब ये नही है, की आप इन छोटी छोटी बातों के लिए नाराज़ हो जाओ, ज़िन्दगी सिर्फ एक बार मिलती इसे खुशी खुशी जिना चाहिए।
आपको पता है कि, दुनिया मे अच्छे लोग और बुरे लोग दोनो भी है, लेकिन आपको पता होता है कि, अच्छा कौन है, और बुरा कौन, तो आप अच्छे को ही चुनते है, जिनके साथ आप दोस्त बनकर रहना चाहते है, तो ऐसे लोग एक बार ही मिलते है, तो इन लोगों से क्या नाराज़ होना, नाराजगी शायरी इन हिंदी में आपको यही पढ़ने को मिलेगा।
Narazgi par shayari in hindi
ए खुदा कभी कोई मुझसे,
रूठ कर मुझे छोड़ चला ना जाये,
मुझसे हुई कोई भी गलती से,
वो नाराज़ मुझसे हो ना जाये।
A khuda kabhi koi mujhse,
Ruth kar mujhe chhod chala na jaaye, mujhse hui koi bhi galti se,
Wo naraz mujhse ho na jaaye..!
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नाराज़ हुआ भी मुझसे कोई,
तो आकर बता दे मुझको कोई,
मैं मनाना भी जनता हु,
ये समझ ले हर कोई।
Naraz hua bhi mujhse koi,
To aakar bata de mujhko koi,
Main manana bhi janta hu,
Ye samajh le har koi..!
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जिंदगी का सफर करते करते,
कुछ याद आया मुझे चलते चलते,
की मिलते रहना मुझसे कभी कभी,
एक ही जिंदगी है बीत जाएगी,
ये ज़िंदगी है कभी भी रुठ जाएगी।
Zindagi ka safar karte karte,
Kuchh yaad aaya mujhe chalte chalte,
Ki milte rehna mujhse kabhi kabhi,
Ek hi zindagi hai beet jayegi,
Yeh zindagi hai kabhi bhi ruth jayegi..!
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हर एक वक्त काम का होता है,
ये जिंदगी का सफर है मेरे दोस्त,
ये सिर्फ नाम का होता है,
रूठना ना जिंदगी में कभी,
ये वक़्त बदनाम सा होता है।
Har ek waqt kaam ka hota hai,
Yeh zindagi ka safar hai mere dost,
Ye sirf naam ka hota hai,
Ruthna na zindagi mein kabhi,
Ye waqt badnaam sa hota hai..!
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किसने कहा था के हम,
नाराज़ हुआ करते है,
ये तो अफवाह है मेरी,
क्योंकि मनाने वाले नाराज़ नही होते।
Kisne kaha tha ke hum,
Naraz hua karte hai,
Ye to afwah hai meri,
Kyon ki manane wale naraz nahi hote..!
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कैसा डर है ये मेरा लोगों में,
लोग मुझसे दूर जाने लगते है,
कोई रूठकर चले जाते है,
तो कोई दिल तोड़कर चले जाते है।
Kaisa dar hai ye mera logon mein,
Log mujhse door jaane lagte hai,
Koi rooth kar chale jaate hai,
To koi dil tod kar chale jaate hain..!
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नाराजगी शायरी 2 लाइन
मुझसे रुठ कर अलग बैठ जाती हो तुम,
पता नही मुझसे इतना क्यों शरमाती हो तुम।
Mujhse ruth kar alag baith jati ho tum,
Pata nahi mujhse itna kyun sharmati ho tum..!
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कभी ना कहना कि दूर चले गए हम तुमसे,
बस थोड़ा रूठकर अलग चले गए थे हम तुमसे।
Kabhi na kehna ki door chale gaye hum tumse,
Bas thoda rooth kar alag chale gaye the hum tumse..!
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अरे थोड़ा रुठ भी लिया करो तुम हमसे,
मनाना जानते है हम हसाउंगा तुम्हे जमके।
Are thoda ruth bhi liya karo tum hamse, Manana jaante hai hum hasaunga tumhe jamake..!
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नाराजगी की भी हद होती है,
दुनिया मे प्यार नाम की भी चीज होती है।
Narazgi ki bhi had hoti hai,
Duniya mein pyaar naam ki bhi cheej hoti hai..!
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आसमान के तरफ देखा तो उजाला नज़र आया,
नीचे जिंदगी जो रूठ गयी थी मुझसे वह अंधेरा नज़र आया।
Aasman ki taraf dekha to ujala nazar aaya,
Niche zindgi jo rooth gayi thi mujhse wah andhera nazar aaya..!
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ज़िंदगी जीना है तो मजे से जीओ,
नाराजगी में क्या रखा है।
Zindagi jeena hai to maje se jiyo,
Narazgi mein kya rakha hai..!
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नाराजगी शायरी दोस्ती
दोस्त की नाराजगी भी,
क्या नाराजगी होती है यारो,
ये बड़े जल्दी भूल जाते है नाराजगी,
ये दोस्त बड़े कमीने होते है मेरे यारो।
Dost ki narazgi bhi,
Kya narazgi hoti hai yaaro,
Ye bade jaldi bhool jaate hai narazgi,
Ye dost bade kamine hote hai mere yaaro..!
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ऐसा दोस्त ही क्या जो नाराज़ हो जाए,
ऐसा कमीना ही कहा जो वापस ना आये,
वह दोस्त ही क्या जो दोस्ती ना निभाये,
यही दोस्ती जिंदगी में चार चांद लगाए।
Aisa dost hi kya jo naaraaz ho jaye,
Aisa kamina hi kaha jo wapas na aaye, Wo dost hi kya jo dosti na nibhaye,
Yahi dosti zindgi mein chaar chaand lagaye..!
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दोस्ती की मिसाल कुछ लोग देते है,
दोस्त से अलग रहकर,
दोस्त से ही रूठकर जाते है,
मैं वापस आता हूं कहकर।
Dosti ki misaal kuchh log dete hai,
Dost se alag reh kar,
Dost se hi rooth kar jate hai,
Main wapas aata hoon kehkar..!
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हो सके तो मुझसे कभी नाराज़ ना होना,
अगर हो मन मे गुस्सा तो थप्पड़ मार देना,
तू एक ही मेरा दोस्त है ये याद रखना,
मुझे अकेला तू कभी छोड़ ना देना।
Ho sake toh mujhse kabhi naraz na hona,
Agar ho man me gussa to thappad maar dena,
Tu ek hi mera dost hai ye yaad rakhna, Mujhe akela tu kabhi chhod na dena..!
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मेरी सारी अच्छाई को,
तूने भुला दिया मेरे दोस्त,
सिर्फ एक गलती क्या हो गयी,
तू मुझसे रूठकर दूर चला गया मेरे दोस्त।
Meri sari achchhayi ko,
Tune bhula diya mere dost,
Sirf ek galti kya ho gayi,
Tu mujhse rooth kar dur chala gaya mere dost..!
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दोस्त हो तो ऐसा हो,
की रूठ ना जाये कभी,
मुश्किलों में हो अगर दोस्त उसका,
तो दौड़ते आये वो तभी।
Dost ho to aisa ho,
Ki ruth na jaaye kabhi,
Mushkilon mein ho agar dost uska,
To daudte aaye wo tabhi..!
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प्यार में नाराजगी वाली शायरी
आपसे थोड़ी शरारत क्या कर ली,
आप तो नाराज़ हो गए,
इश्क़ करता था पगली तेरे से,
आप तो सीधे मुझे छोड़कर ही चले गए।
Aap se thodi shararat kya kar lee,
Aap to naraz ho gaye,
Ishq karta tha pagli tere se,
Aap to sidhe mujhe chhod kar hi chale gaye..!
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प्यार से याद आया मुझे,
की जिससे भी प्यार करो,
शादी की जल्दी ही करो,
फिर उसे नाराज़ करो या कुछ भी करो,
फिर छोड़ के ना जाएगी तुम्हे।
Pyaar se yaad aaya mujhe,
Ki jisse bhi pyaar karo,
Shadi ki jaldi hi karo,
Phir use naraz karo ya kuchh bhi karo, Phir chod ke na jayegi tumhe..!
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ऐसे ना रूठा करो तुम,
बड़ा गंदा लगता है,
सिर्फ मुझे देखा करो तुम,
ये तेरा होनेवाला पति लगता है।
Aise na rutha karo tum,
Bada ganda lagta hai,
Sirf mujhe dekha karo tum,
Ye tera hone wala pati lagta hai..!
Narazgi ki shayari in hindi
जाओगी कहा हमसे रूठकर तुम,
पछताओगी बहुत अगर हमे छोड़ जाओगी तुम,
जब दूसरी वाली के साथ देखकर जल जाओगी तुम,
वापस कल मेरे पास ही आओगी तुम।
Jaogi kahan humse rooth kar tum, Pachhtaogi bahut agar hame chhod jaogi tum,
Jab dusri wali ke saath dekh kar jal jaogi tum,
Wapas kal mere paas hi aaogi tum..!
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फूलों सा चेहरा है तेरा,
नाजुक सी कलाईयां,
फिर क्यों ऐसे मुरझाई हुई बैठी हो,
अरे बिल्कुल भी नही लगती तू आलिया।
Phoolon sa chehra hai tera,
Najuk si kalaiyaan,
Phir kyon aise murjhai huyi baithi ho, Are bilkul bhi nahi lagti tu aliya..!
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कुछ याद आया तो कुछ भूल गया,
तुमसे मैं थोड़ा रूठ गया,
आओ ना हमे तुम मनाने,
नही तो समझूंगा की मेरा दिल अब टूट गया।
Kuchh yaad aya to kuch bhul gaya, Tumse main thoda ruth gaya,
Aao na hame tum manane,
Nahi to samjhunga ki mera dil ab toot gaya..!
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कुछ आखरी शब्द :
आज जो हमने narazgi ki shayari in hindi पर लेख लिखा है, वो आपने पूरा पढ़ ही लिया होगा, अगर नही पढा तो जरूर पढ़कर हमे बताओ कि आपको इस नाराजगी शायरी इन हिंदी के लेख में कुछ नाराज़गी तो नही हुई, क्या आपको रूठे हुए को मनाना आ गया या नही जरूर बताएं।
आशा करता हु की हमारा ये नाराज़गी पर शायरी इन हिंदी का लेख आपको जरूर अच्छा लगा होगा, अगर अच्छा लगा हो तो ऐसेही हिंदी शायरी यहाँ पढ़ते रहे।