Garibi Par Shayari In Hindi | गरीबी पर हिंदी शायरी Best 2023

दोस्तो, आज हमने garibi par shayari in hindi का लेख लिखा है, जो कि आपको बहुत पसंद आनेवाला है, जिसमे गरीबी क्या होती है, एक गरीब आदमी कैसे जीता है, और उसका जीवन होता कैसे है, ये इस लेख के माध्यम से हमने आपको समझाने की एक छोटीसी कोशिश की है।

दुनिया अमीर और गरीब लोग तो हर जगह है, जोकि कोई खुश तो कोई दुखी भी है, सबका एक अलग अलग भाव है, किसी के पास बहुत ज्यादा पैसा है, तो किसी के पास कुछ भी नही, तो इससे हम अंदाजा लगा सकते है कि, को अमीर है और कौन गरीब, लेकिन मैं तो कहता हूं कि, जिसमें इंसानियत कूट कूट कर भारी है, वही आज अमीर हो सकता है, बाकी तो पैसों से अमीर होते है।

इस गरीबी पर हिंदी शायरी के लेख में बहुत सी ऐसी शायरी हमने लिखी है, जो मोटिवेशनल है, जिससे एक गरीब आदमी को आगे बढ़ने का हौसला देता है, तो आइए पढ़ते कुछ शायरी।

Garibi ki shayari in hindi

 

गरीब भूख से मरे या पानी से,

किसी को क्या फर्क पड़ता है साहब,

हर कोई अपनी सोचता है यहाँ,

भूखे को मरता छोड़ जाता है यहाँ।

Garib bhukh se mare ya pani se,

Kisi ko kya farak padta hai sahab,

Har koi apni sochta hai yaha,

Bhukhe ko marta chhod jata hai yaha..!

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मैंने अमीरों को भी,

गरीब होते हुए देखा है,

कभी गरीबों को पानी भी नहीं पिलाते थे,

आज गरीबों के घर का पानी पीते हुए देखा है।

Maine amiron ko bhi,

Garib hote huye dekha hai,

Kabhi garibon ko pani bhi nahi pilate the,

Aaj garibon ke ghar ka pani pite huye dekha hai..!

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कौन कहता है,

की अमीर कभी गरीब नहीं होता,

अमीरों के शौक जब हद पार कर लेते है न,

तो गरीबी उस पर सवार हो जाती है।

Kon kehta hai,

Ki amir kabhi garib nahi hota,

Amiron ke shauk jab had par kar lete hai na,

To garibi us par sawar ho jati hai..!

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लोग कहते है की,

आदमी पैसो से अमीर होता है,

मै कहता हु की वो गरीब होता है,

अमीर लोग तो मैंने देखे है,

जो दिल से अमीर होते है।

Log kehte hai ki,

Admi paiso se amir hota hai,

Mai kehta hu ki wo garib hota hai,

Amir log to maine dekhe hai,

Jo dil se amir hote hai..!

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जो गरीबी में मज़ा है,

वो अमीरी में कहा साहब,

किसी का टेंशन नहीं होता है,

बस खुली आज़ादी होती है।

Jo garibi me maza hai,

Wo amiri me kaha sahab,

Kisi ka tension nahi hota hai,

Bas khulli azadi hoti hai..!

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Garibi par shayari in hindi

 

मैंने ऐसी भी गरीबी देखी है,

जब दो दिन भूखा सोना पड़ता था,

तभी भी किसी को मांग के नहीं खाता था,

खुद के पैसो से दो दिन बाद खाता था।

Maine aisi bhi garibi dekhi hai,

Jab do din bhukha sona padta tha,

Tabhi bhi kisi ko mang ke nahi khata tha,

Khud ke paiso se do din baad khata tha..!

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किसी की मजबूरी का फायदा न उठाओ,

वो एक गरीब भी हो सकता है,

वक़्त सबका बदलता है,

एक गरीब अमीर भी हो सकता है।

Kisi ki majboori ka fayda na uthao,

Wo ek garib bhi ho sakta hai,

Waqt sabka badalta hai,

Ek garib amir bhi ho sakta hai..!

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गरीबों की इज़्ज़त करना सीखो,

वो दिल से तुम्हे इज़्ज़त देगा,

कभी मुश्किल में तुम पड जाओ,

तो आखिर वही तुम्हारा पहले साथ देगा।

Garibon ki izzat karna sikho,

Wo dil se tumhe izzat dega,

Kabhi mushkil me tum pad jao,

To akhir wahi tumhara pehle sath dega..!

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देखे है कई लोग मैंने,

कोई अमीर होते है,

तो कोई गरीब होते है,

दिल से अमीर होने वाले लोग,

मैंने बहुत कम ही देखे है।

Dekhe hai kai log maine,

Koi amir hote hai,

To koi gareeb hote hai,

Dil se amir hone wale log,

Maine bahut kam hi dekhe hai..!

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किसी ने मुझसे पूछा,

तुम क्या करते हो,

मैंने भी कह दिया उसे,

बस गरीबों का इलाज करता हु,

वो भी मुफ्त में।

Kisi ne mujhse puchha,

Tum kya karte ho,

Maine bhi keh diya use,

Bas garibon ka ilaj karta hu,

Wo bhi muft me..!

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गरीबी पर शायरी हिंदी

 

गरीब क्या जाने,

ये अमीरी क्या होती है,

उसके घर में तो जब वो काम करे 

तभी एक वक़्त की रोटी आती है।

Garib kya jane,

Ye amiri kya hoti hai,

Uske ghar me to jab wo kaam kare 

Tabhi ek waqt ki roti aati hai..!

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फटे हुए कपड़ों ने सिखाया,

अमीर गरीब का फर्क हमें,

गरीब तो पहले ही थे,

अब अमीर बनना था हमे।

Fate huye kapdon ne sikhaya,

Amir garib ka farak hume,

Garib to pehle hi the,

Ab amir banana tha hume..!

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एक रोटी खाके खुश था मैं,

जब गरीब हुआ करता था मै,

अमीर बनके पता नहीं,

कौनसी खुशिया खरीदना चाहता था मैं।

Ek roti khake khush tha mai,

Jab garib hua karta tha mai,

Amir banke pata nahi,

Kaunsi khushiya kharidna chahta tha mai..!

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अमीर बनने के चक्कर में,

सारे रिश्ते तोड़ आया मैं,

अमीर बन तो गया मै,

लेकिन सारी खुशियाँ पीछे छोड़ आया मैं।

Amir banne ke chakkar me,

Sare rishte tod aaya mai,

Amir ban to gaya mai,

Lekin sari khushiyan pichhe chhod aaya mai..!

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मैंने गरीब बच्चे को,

अमीर बच्चे के साथ, 

खेलते हुए देखा है,

उस अमीर बच्चे से ज्यादा गरीब बच्चे को मैंने सबसे ज्यादा हस्ते देखा है।

Maine garib bachhe ko,

Amir bachhe ke sath, 

Khelte huye dekha hai,

Us amir bachhe se jyada gareeb bachhe ko maine sabse jyada haste dekha hai..!

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गरीबी मोटिवेशनल शायरी

 

जिसमें है ज़िद कुछ बनने की,

वो कुछ बनके ही दिखायेगा,

गरीब हुआ तो क्या हुआ,

मुश्किलों को हरा कर आगे बढ़ के ही दिखायेगा।

Jisme hai zid kuch banne ki,

Wo kuch banke hi dikhayega,

Garib hua to kya hua,

Mushkilon ko hara kar aage badh ke hi dikhayega..!

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देखा है मैंने अपने हक़ के लिए,

पैदल चलते हुए लोगों को,

कुछ नंगे पाव तो कुछ चप्पल पहने लोगों को।

Dekha hai maine apne haq ke liye,

Paidal chalte huye logon ko,

Kuch nange paon to kuch chappal pehne logon ko..!

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ज़िन्दगी ने ये सिखा दिया,

की कोई अमीर गरीब नहीं होता,

बस सबके सीने में,

एक धड़कता दिल होना चाहिए।

Zindagi ne ye sikha diya,

Ki koi amir garib nahi hota,

Bas sabke sine me,

Ek dhadkta dil hona chahiye..!

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किसी की मासूमियत,

किसी को धोखा दे जाती है,

अगर पैसा न हो जेब में,

तो गरीब बोल के छोड़ के चली जाती है।

Kisi ki masumiyat,

Kisi ko dhoka de jati hai,

Agar paisa na ho jeb me,

To gareeb bol ke chhod ke chali jati hai..!

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कभी एक दिन भूखा रह कर देख,

भूख क्या होती है समझ आएगी,

एक दिन गरीब बनकर तो देख,

तुझे गरीबी में भी खुशिया नज़र आएगी।

Kabhi ek din bhukha reh kar dekh,

Bhukh kya hoti hai samajh aayegi,

Ek din garib bankar to dekh,

Tujhe garibi me bhi khushiya nazar aayegi..!

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गरीबी पर शायरी रेख्ता

 

महलों में अमिर रहते है,

गरीब की झोपड़ी ही उनका महल है,

दोनों महल तो एक गरीब ने ही बनाये है,

हाथों के छाले निकालकर।

Mahlon me amir rehte hai,

Garib ki jhopadi hi unka mahal hai,

Dono mahal to ek garib ne hi banaye hai,

Hathon ke chhale nikalkar..!

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किसी बस्ती में जाकर देखो,

वह क्या नज़र आता है तुम्हे,

खुशियां ही नज़र आएगी वह,

क्यों की बस्ती गरीबों की जो थी।

Kisi basti me jakar dekho,

Waha kya nazar aata hai tumhe,

Khushiyan hi nazar aayegi waha,

Kyon Ki basti garibon ki jo thi..!

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इंसानियत सिखा गया कोई मुझे,

जो असल में मुझे नहीं पता थी,

बस एक झोपड़ी में देर रात को पानी जाकर माँगा मैंने,

तब पता चला की बस एक झोपड़ी थी,

खटखटाने से पानी मिल गया आज मुझे।

Insaniyat sikha gaya koi mujhe,

Jo asal me mujhe nahi pata thi,

Bas ek zopdi me der raat ko pani jakar manga maine,

Tab pata chala ki bas ek zopdi thi khatkhatane se pani mil gaya aaj mujhe..!

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बस एक गरीब से बोलो,

की मै अकेला हु आज,

वो आपको इतना प्यार देगा,

की यकीन खुद पर नहीं रहेगा।

Bas ek garib se bolo,

Ki mai akela hu aaj,

Wo apko itna pyar dega,

Ki yakin khud par nahi rahega..!

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ढलती उम्र की क्या बात करते हो आप,

वो तो बीत जाती है,

अगर ढलती उम्र में भी जीना चाहते हो,

तो गरीबी में जीना सीख लो,

लंबी उम्र तक जिएंगे आप।

Dhalti umar ki kya baat karte ho aap,

Wo to beet jati hai,

Agar dhalti umar me bhi jeena chahte ho,

To garibi me jeena sikh lo,

Lambi umar tak jiyenge aap..!

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कुछ आखरी शब्द :

आज जो हमने garibi par shayari in hindi पर लेख लिखा है, वो आपने पूरा पढ़ ही लिया होगा, अगर नही पढा तो जरूर पढ़कर हमे बताओ कि आपको इस गरीबी पर शायरी हिंदी का लेख कैसा लगा, क्या आपको भी किसी गरीब की मदद करनी अच्छि लगती है, तो आपने ये जरूर करनी चाहिए, दिल खुश हो जाएगा आपका।

आशा करता हु की हमारा ये अमीर गरीब शायरी इन हिंदी का लेख आपको जरूर अच्छा लगा होगा, अगर अच्छा लगा हो तो ऐसेही हिंदी शायरी यहाँ पढ़ते रहे।

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