दोस्तों poem on butterfly in hindi titli kavita में आपका स्वागत है। इस तितली कविता में आपको तितलियों का जीवन बताया गया है जैसे कि आपको पता है कि तितलियाँ बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा दिखाई देती है।
तितलियाँ कभी हमारे घर के आँगन के फूलों पे मंडराती दिखाई देती है तो कभी वो बागीचे में रंगबिरंगी तितलियों का एक बड़ा सा झुंड दिखाई देता है। तितली पर हिंदी कविताएँ हमने इसी आधार पर लिखी जो कि आपको बहुत पसंद आएगी।
आखिर तितलियाँ इतनी रंगबिरंगी कैसे होती है? ये तो रिफ्लेक्शन केमिकल लोचा है शायद जिस रंग पर जाउ उस रंग का हो जाना। अगर आपको इसके बारे में पता ही तो बिल्कुल बताना। तितली पर कविता हिंदी में बड़ी ही अच्छी अच्छी कविता हमने बागीचे, गलियों में जाके वह का वर्णन करके लिखी है।
तितली पर कविता हिंदी में
ओ मेरी तितली प्यारी तितली,
रंगबिरंगी सबसे न्यारी तितली।
तू मुझको जब उड़ते दिख जाए,
मेरे मन को तू खुश कर जाए।
रंगबिरंगी तू जब पंख फैलाये,
मुझको तुझसे प्यार हो जाये।
मेरे पास से तू जब गुजर जाए,
मेरे पाँव तेरे तरफ ही चल आये।
सुंदर मनमोहन ये रूप तुम्हारा,
मेरे मन को खूब है भाए।
जब तू इधर उधर मंडराए,
देखने तुझे तेरे पीछे हम आये।
फूलों पर देखु तो तू दिख जाए,
पास आके देखु तो मन भर जाए।
हर फूलों का तू रंग चुराए,
इसीलिए तू रंगबिरंगी तितली कहलाये।
पकड़ू तुझे तो तू हाथ ना आये,
तू है चालाख तुझे कोई पकड़ ना पाए।
ओ मेरी तितली प्यारी तितली,
रंगबिरंगी सबसे न्यारी तितली।
O meri titli pyari titli ki kavita
O meri titli pyari titli,
Rang birangi sabse nyari titli..!
Tu mujhko jab udte dikh jaye,
Mere man ko tu khush kar jaye..!
Rang birangi tu jab pankh failaye,
Mujhko tujhse pyaar ho jaye..!
Mere paas se tu jab guzar jaye,
Mere paon teri taraf hi chale aaye..!
Sundar man mohan ye roop tumhara,
Mere man ko khoob hai bhaye..!
Jab tu idhar udhar mandraye,
Dekhne tujhe tere pichhe hum aaye..!
Phoolon par dekhu to tu dikh jaye,
Paas aake dekhu to man bhar jaye..!
Har phoolon ka tu rang churaye,
Isiliye toh rang birangi titli kahlaye..!
Pakdu tujhe to tu haath na aaye,
Tu hai chalakh tujhe koi pakad na paye..!
O meri titli pyari titli,
Rang birangi sabse nyari titli..!
Short poem on butterfly in hindi titli kavita
तितली रानी आयी है,
सबको झलक दिखलाई है।
वो देखो तितली उड़ती जा रही है,
दिखने मे भी वो प्यारी है।
धीरे उड़ते उड़ते वो जाती है,
फूलों पर वो मंडराती है।
फूलो का रंग चुराती है,
रंगबिरंगी बन जाती है।
फिर प्यारी दिखने लग जाती है,
सबका मन लुभाती है।
दौड़के बच्चे उसको पकड़ने जाते है,
फिर भी उनके हाथ ना वो आती है।
फूलों से झट से उड़ जाती है,
बच्चों को चकमा वो दे जाती है।
ऐसी तितली रानी है,
यही इसकी प्यारी कहानी है।
Titli rani aayi hai par kavita
Titli rani aayi hai,
Sabko jhalak dikhlayi hai..!
Wo dekho titli udti ja rahi hai,
Dekhne me bhi wo pyari hai..!
Dheere udte udte wo jati hai,
Phoolon par wo mandrateli hai..!
Phoolo ka rang churati hai,
Rang birangi ban jaati hai..!
Phir pyari dikhne lag jaati hai,
Sab ka man lubhati hai..!
Dauda ke bachche usko pakadne jaate hai,
Phir bhi unke haath na wo aati hai..!
Phoolon se jhat se ud jaati hai,
Bachchon ko chakma wo de jati hai..!
Aisi titli rani hai,
Yahi iskei pyari kahani hai..!
Poem in hindi on butterfly
छोटी नन्ही सी एक प्यारी,
है butterfly सबसे न्यारी।
रोज हमे वो है दिख जाती,
हमारे घर के आँगन मे ही आती।
फूलों के पौधों पर वो जाती,
वहाँ इधर उधर है मंडराती।
उसके पीछे और तितलियाँ भी आती,
सब मिलके वो वहाँ मंडराती।
प्यार से हमारे पास वो आती,
पकड़ने जाओ तो दूर भाग जाती।
उसको देख के मन है करता,
काश मै एक फूल ही हुआ करता।
तब तो मेरे पास वो आती,
मेरा रंग चुरा ले जाती।
मै भी थोड़ा खुश हो जाता,
उसको मुझसे प्यार हो जाता।
मेरे बिना वो रह नही पाती,
मेरे पास वो रोज ही आती।
छोटी नन्ही सी एक प्यारी,
है butterfly सबसे न्यारी।
Butterfly sabse nyari kavita
Chhoti nanhei si ek pyari,
Hai butterfly sabse nyari..!
Roj hume wo hai dikh jati,
Humare ghar ke aangan mein hi aati..!
Phoolon ke paudhon par wo jati,
Wahan idhar udhar hai mandrati..!
Uske peeche aur titaliyaan bhi aati,
Sab milke wo vahan mandraati..!
Pyaar se hamare paas woh aati,
Pakdane jao to door bhaag jaati..!
Usko dekh ke man hai karta,
Kaash mai ek phool hi hua karta..!
Tab to mere paas woh aati,
Mera rang chura le jaati..!
Mai bhi thoda khush ho jata,
Usko mujhse pyaar ho jata..!
Mere bina wo reh nahin pati,
Mere paas wo roj hee aati..!
Choti nanhi si ek pyari,
Hai butterfly sabse nyari..!
Butterfly poems in hindi
तितली के है पंख सुंदर,
लाल, नीले, पीले है रंग उसके अंदर।
पंख फैलाए वो है उड़ती,
सुंदर फूल देख उसपे मंडराती,
फूलों से प्यार वो इतना करती,
उसके बिना वो रह ना पाती।
फूलों से खुद की प्यास बुझाती,
उसका पेट तभी वो भर पाती।
तभी पँखो से रंग है बिखेरती,
सुकून आंखों को वो सबको देती।
इधर मंडराती उधर मंडराती,
आखिर फूलों पर ही वो बैठ जाती।
जब बच्चे तितली पकड़ने जाते,
खाली हाथ बच्चे लौट आते।
पता नही इतना क्यों डर जाती,
इंसानो से वो दूर भाग जाती।
तितली के है पंख सुंदर,
लाल, नीले, पीले है रंग उसके अंदर।
Titli ke hai pankh sundar kavita
Titli ke hai pankh sundar,
Laal, nile, pile hai rang uske andar..!
Pankh phailaye wo hai udti,
Sundar phool dekh uspe mandrati..!
Phoolon se pyar wo itna karti,
Uske bina woh reh na pati..!
Phoolon se khud ki pyas bujhati,
Uska pet tabhi wo bhar pati..!
Tabhi pankho se rang hai bikherti,
Sukoon aankhon ko wo sabko deti..!
Idhar mandrati udhar mandrati,
Aakhir phoolon par hai wo baith jati..!
Jab bachche titli pakadne jate,
Khaali haath bachche laut aate..!
Pata nahi itna kyun dar jati,
Insano se wo door bhaag jati..!
Titli ke hai pankh sundar,
Laal, nile, pile hai rang uske andar..!
छोटी सी एक तितली कविता
छोटी सी एक तितली थी,
रंग बिरंगी प्यारी सी..!
रोज मुझे वो दिखती थी,
बगीचे में वो आती थी..!
फूलों पे मँडराती थी,
फूल पे बैठ जाती थी..!
क्या जाने क्या वो करती थी,
पास गए तो डरती थी..!
एक दिन सोचा उसके पीछे से जाऊ,
उसको मैं हाथ से पकड़ ले आऊ..!
तितली फिर बगीचे में आयी,
फूलों पे फिर से मंडराई..!
फूलों पे वो जब है बैठी,
आखिर वो मेरे पकड़ में आयी..!
जब उसको मैंने करीब से देखा,
रंग रूप क्या सुन्दर था उसका..!
पंखों से रंग खिलता उसका,
लाल, पीला, हरा और नीला..!
ज्यादा देर उसको पकड़ न पाये,
बगीचे में उसके वापस छोड़ आया..!
Chhoti si ek titli kavita
Chhoti si ek titli thi,
Rang birangi pyari si..!
Roj mujhe wo dikhti thi,
Bagiche me wo aati thi..!
Phoolon pe mandrati thi,
Phool pe baith jaati thi..!
Kya Jane kya wo karti thi,
Paas gaye to darti thi..!
Ek din socha uske pichhe se jau,
Usko mai hath se pakad le aau..!
Titli fir bagiche me ayi,
Phoolon pe phir se mandrai..!
Phoolon pe wo jab hai baithi,
Aakhir wo mere pakad me aayi..!
Jab usko maine karib se dekha,
Rang roop kya sundar tha uska..!
Pankho se rang khilta uska,
Laal, pila, hara aur nila..!
Jada der usko pakad na paya,
Bagiche me uske wapas chhod aaya..!
Poems on titli summary in hindi
” तितली ” पर कविता सारांश
तितली तो सबको पता ही है इसे butterfly इंग्लिश में कहते है। इस तितली हिंदी कविता मे तितली बड़ी ही प्यारी है दिखने मे वो रंग बिरंगी सी न्यारी सी है और उसके रंग से कवि आकर्षित होता है जोकि सामान्य है। जब कवि एक दिन बागीचे में घूमने जाते है तो उन्हें ये नजर आता है कि एक छोटीसी प्यारी तितली बागीचे मे उड़ते उड़ते आती है और वो फूलों के पौधें के ऊपर बहुत देर तक मंडराती है।
शायद वो सोच रही होंगी की कोनसा फूल सबसे अच्छा है उसपे ही वो बैठने वाली थी। और थोड़ी देर में कवि ने देखा कि वो एक सुंदर से फूल पे बैठी है। उसके बाद कवि उसके थोड़ा पास गया और उस प्यारी सी तितली को खूब देर तक निहारता रहा।
वो दिखने मे बड़ी ही सुंदर थी। कवि उसके और पास गया तो तितली झट से वहाँ से उड़ गई। लेकिन अब कवि का मन उसको पास से देखने को तरस रहे था। तो कवि ने सोचा कि कल बगीचे में जब वो तितली आएगी तो मैं उसके पीछे से आराम से जाकर पकड़ लूंगा।
और दूसरे दिन जब कवि फिर बगीचे आया तो वो तितली भी वहा पे फूलों पर बैठी हुई थी। तभी बिना आवाज़ किये कवि ने उस प्यारी तितली को आखिर पकड़ लिया और उसे हाथ मे लिए अपने और आंखों के करीब ले आये।
और एक ही शब्द बोले beautiful butterfly और उसे खूब देर तक निहारते रहे उसके लाल ,पिले, हरे , नीले पँखो के रंग देखकर वो बहुत खुश हुए जैसे के कवि उस तितली ने दिल चुरा लिया हो।
और ज्यादा देर उस नाजुक तितली को कवि पकड़ के नही रखना चाहते थे तो उन्होंने उस तितली को उस बागीचे के रंग बिरंगी फूलों पर फिर से छोड़ आये।
इसे पढ़िए :
मेरी आखरी पंक्तिया :
हमने poem on butterfly in hindi में आपको जो कविता प्रस्तुत की है वो हमने बड़े ही प्यार से लिखी है जोकि एक प्यारीसी तितलियों पर आधारित है। जो अभी अपने पढ़ी है।
तो इस बारिश मे आपको ये तितली पर हिंदी कविताएँ कैसी लगी ये जरूर बताएं। शायद आपको अच्छी लगी हो ऐसी मैं आशा करता हु। आपके लिए मैं हर बार Short poem on butterfly in hindi जैसी कविता लाते रहूंगा।