दोस्तो, आज आपके लिए हमने poem on anti tobacco day in hindi पर खूबसूरत लेख लिखा है, जो आपको बेहद पसंद भी जरूर आएगा, जोकी 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस के नाम से मनाया जाता है, जो सभी के लिए एक आवश्यक दिवस होता है, और हमे तम्बाकू के नुकसान के बारे में भी बताया जाता है।
विश्व मे कई लोग है जो तम्बाकू के आदि हो चुके है, उन्हें तम्बाकू की ऐसी लत लग चुकी है कि, तम्बाकू के बिना उनका दिन ही शुरू ही नही होता, ऐसेमें हमारे देश के युवा पीढ़ी कितने खतरे में है ये समझ आता है, इन्ही हमारे युवाओं को जो हमारे देश का भविष्य है जागृत करने के लिए हमे इस एन्टी तंबाकू दिवस पर बड़े बड़े कार्यक्रम करने चाहिए।
31 मई को आप विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर हिंदी कविता सुनाकर लोगों को तम्बाकू के नुकसान क्या है ये इस कविता के माध्यम से बता सकते है, और लोगों को जागृत कर सकते हो, हमने लिखी कविताएँ आपको जरूर पसंद आएगी इसे आखरी तक जरूर पढ़ें।
Anti tobacco day poem in hindi
सिगरेट बीड़ी या हो पान,
इन सब में बसती है इंसानों की जान।
सब खाते है तम्बाकू वाला पान,
जानलेवा है ये तम्बाकू वाला पान।
चबा चबा के खाते है ये पान,
पता नहीं इंसानो को इसके कितने है नुकसान।
आज कल तो युवा रस्ते पे ही दीखते है,
सिगरेट या बीड़ी पीते रहते है।
खुद का शरीर अंदर से खोखला करते है,
लेकिन सिगरेट बड़े शान से पिते है।
नुकसान तम्बाकू के पता होते है इनको,
लेकिन इसे वो नज़र अंदाज़ करते है।
जब एक दिन बहुत ज्यादा बीमार पड़ते है,
तब तम्बाकू छोड़ने के वादे करते है।
बीमारी से जब अच्छे होते है,
फिर जाकर एक सिगरेट ज़रूर पीते है।
वक़्त रहते तम्बाकू नहीं छोड़ते है,
बड़ी बीमारी का वो सामना करते है।
जो बात बता रहा हु उसको तू जान,
नहीं तो बिमारियों का घर बन जायेगा इंसान।
सिगरेट बीड़ी या हो पान,
इन सब में बसती है इंसानों की जान।
Anti tobacco poem hindi
Cigarette bidi ya ho paan,
Inn sab me basti hai insanon ki jaan..!
Sab khate hai tambaku wala paan,
Janlewa hai ye tambaku wala paan..!
Chaba chaba ke khate hai ye paan,
Pata nahi insano ko iske kitne hai nuksaan..!
Aaj kal to yuva raste pe hi dikhte hai,
Cigarette ya bidi pite rehte hai..!
Khud ka sharir andar se khokhla karte hai,
Lekin cigarette bade shaan se pite hai..!
Nuksan tambaku ke pata hote hai inko,
Lekin ise wo nazar andaz karte hai..!
Jab ek din bahut jyada bimar padte hai,
Tab tambaku chhodne ke wade karte hai..!
Bimari se jab achhe hote hai,
Phir jakar ek cigarette jarur pite hai..!
Waqt rehte tambaku nahi chhodte hai,
Badi bimari ka wo samna karte hai..!
Jo baat bata raha hu usko tu jaan,
Nahi to bimariyon ka ghar ban jayega insaan..!
Cigarette bidi ya ho paan,
Inn sab me basti hai insanon ki jaan..!
Poem on anti tobacco day in hindi
तम्बाकू और गुटखा तू खाकर,
कर रहा है स्वागत तू अपनी मौत का।
कितना भी हिम्मत वाला हो इंसान,
कोई न करता इंतज़ार अपने मौत का।
खा रहा है एक छोटी सी तम्बाकू की पुड़िया,
और गला घोंट रहा है अपनी ज़िन्दगी का।
तम्बाकू खाकर सुकून मिलता है,
लेकिन होता है नुकसान अपने शरीर का।
नहीं है तुझे अपनी पर्वा तो,
सोच ले थोड़ा अपने माँ बाप की ज़िन्दगी का।
एक दिन अगर बीमार बहुत हो जायेगा तो,
माँ बाप के बिना कोई न आएगा तुझे देखने इस पृथ्वी का।
कुछ नहीं रखा है इस तम्बाकु में,
बिगड़ रहा है इससे हर युवा इस देश का।
एक ही रास्ता बचा है अब तो,
करना है हमें निषेध तम्बाकू का।
तम्बाकू और गुटखा तू खाकर,
कर रहा है स्वागत तू अपनी मौत का।
तम्बाकू निषेध डे की कविता
Tambaku aur gutkha tu khakar,
Kar raha hai swagat tu apni maut ka..!
Kitna bhi himmat wala ho insaan,
Koi na karta intezar apne maut ka..!
Kha raha hai ek chhoti si tambaku ki pudiya,
Aur gala ghont raha hai apni zindagi ka..!
Tambaku khakar sukoon milta hai,
Lekin hota hai nuksan apne sharir ka..!
Nahi hai tujhe apni parva to,
Soch le thoda apne maa baap ki zindagi ka..!
Ek din agar bimar bahut ho jayega to,
Maa baap ke bina koi na aayega tujhe dekhne iss prithvi ka..!
Kuch nahi rakha hai iss tambaku me,
Bigad raha hai isse har yuva iss desh ka..!
Ek hi raasta bacha hai ab to,
Karna hai hume nishedh tambaku ka..!
Tambaku aur gutkha tu khakar,
Kar raha hai swagat tu apni maut ka..!
World no tobacco day poem in hindi
चले है हम सबको बतलाने,
तम्बाकू के नुकसान बतलाने।
देश में अपने सुधार है लाने,
युवा पीढ़ी को हम चले बचाने।
बिगड़ रहा है देश का युवा,
पी रहा है सिगरेट निकाल रहा है धुवा।
खेलता है सिगरेट पीते पीते जुवा,
बिगड़ रहा है आज का युवा।
कैसे बचाएगा अपने शरीर को क्या जाने,
ये तो शरीर को खोखला करके ही माने।
इसीलिए तो चले है हम उनको बतलाने,
तम्बाकू से हुए नुकसान दिखलाने।
हर एक वो इंसान से मिलवाने,
जो थे पहले तम्बाकू के दीवाने।
उनकी जुबान से उनकी कहानी सुनवाने,
तम्बाकू के भयानक परिणाम दिखलाने।
चले है हम सबको बतलाने,
तम्बाकू के नुकसान बतलाने।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस कविता
Chale hai hum sabko batlane,
Tambaku ke nuksan batlane..!
Desh me apne sudhar hai lane,
Yuva pidhi ko hum chale bachane..!
Bigad raha hai desh ka yuva,
Pi raha hai cigarette nikal raha hai dhuva..!
Khelta hai cigarette pite pite juva,
Bigad raha hai aaj ka yuva..!
Kaise bachayega apne sharir ko kya jane,
Ye to sharir ko khokhla karke hi mane..!
Isiliye to chale hai hum unko batlane,
Tambaku se huye nuksan dikhlane..!
Har ek wo insaan se milvane,
Jo the pehle tambaku ke diwane..!
Unki juban se unki kahani sunwane,
Tambaku ke bhayanak parinam dikhlane..!
Chale hai hum sabko batlane,
Tambaku ke nuksan batlane..!
तम्बाकू निषेध दिवस कविता
तम्बाकू का सेवन न कर,
बाद में पछतायेगा सब खो कर।
एक दिन जब मिलेगी ज़िन्दगी में ठोकर,
बचा नहीं पायेगा खुद को तम्बाकू को अपना कर।
तम्बाकू की आदत से मजबूर होकर,
ना कर ज़ुल्म तू खुद पर।
आज से ही रह तू तम्बाकु से बच कर,
नहीं तो ज़िन्दगी लगाएगा तू अपनी दाव पर।
सुकून मिलता है तुझे अगर तंबाकू खाकर,
तो ज्यादा सुकून मिलेगा तुझे तम्बाकू छोड़ कर।
एक बार तो तम्बाकू छोड़ने की तू हिम्मत कर,
खुद से पक्का तू वादा तो कर।
धूम्रपान का निषेध तू कर,
जी अपनी जिंदगी सुकून से हर पल।
तम्बाकू का सेवन न कर,
बाद में पछतायेगा सब खो कर।
तम्बाकू छोड़ो दिवस पर कविता
Tambaku ka sevan na kar,
Baad me pachtayega sab kho kar..!
Ek din jab milegi zindagi me thokar,
Bacha nahi payega khud ko tambaku ko apna kar..!
Tambaku ki aadat se majboor hokar,
Naa kar zulm tu khud par..!
Aaj se hi reh tu tambaku se bach kar,
Nahi to zindagi lagayega tu apni dav par..!
Sukoon milta hai tujhe agar tambaku khakar,
To jyada sukoon milega tujhe tambaku chhod kar..!
Ek baar to tambaku chhodne ki tu himmat kar,
Khud se pakka tu wada kar..!
Dhumrapan ka nishedh tu kar,
Ji apni zindagi sukoon se har pal..!
Tambaku ka sevan na kar,
Baad me pachtayega sab kho kar..!
Poem on world no tobacco day in hindi
आदत बुरी है छोड़ दे,
तम्बाकू तू खाना छोड़ दे।
दूसरों की सुनना छोड़ दे,
खुद के दिल की ही तू थोड़ा सुन ले।
नुकसान कितना है तू थोड़ा पढ़ ले,
तम्बाकू के नुकसान तू जान ले।
है पता सबको ये बात,
तम्बाकू का कितना है शरीर को नुकसान।
फिर भी यह दिल तम्बाकू के बिना नहीं मानता है,
आखिर तम्बाकू का सेवन करना ही पड़ता है।
लेकिन खुद का तू कर रहा है नुकसान,
नहीं खायेगा तम्बाकू तो बचेगी तेरी जान।
आज ही खुद को तू सुधार ले,
तम्बाकू को अपने ज़िन्दगी से निकाल दे।
खुद को तू पहचान ले,
ज़िन्दगी तेरी तू खुद ही सवार ले।
आदत बुरी है छोड़ दे,
तम्बाकू तू खाना छोड़ दे।
Hindi poem on anti tobacco day
Aadat buri hai chhod de,
Tambaku tu khana chhod de..!
Dusron ki sunna chhod de,
Khud ke dil ki hi tu thoda sun le..!
Nuksan kitna hai tu thoda padh le,
Tambaku ke nuksan tu jaan le..!
Hai pata sabko ye baat,
Tambaku ka kitna hai sharir ko nuksan..!
Phir bhi yeh dil tambaku ke bina nahi manta hai,
Akhir tambaku ka sevan karna hi padta hai..!
Lekin khud ka tu kar raha hai nuksan,
Nahi khayega tambaku to bachegi teri jaan..!
Aaj hi khud ko tu sudhar le,
Tambaku ko apne zindagi se nikal de..!
Khud ko tu pehchan le,
Zindagi teri tu khud hi sawar le..!
Aadat buri hai chhod de,
Tambaku tu khana chhod de..!
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कुछ आखरी शब्द :
आज लिखी हुई poem on anti tobacco day in hindi आपने पूरी पढ़ ली हो तो आपको जरूर हमारे इस no tobacco day poem in hindi से कुछ सीखने को मिला होगा, जिससे आप तम्बाकू से दूर रहना पसंद करेंगे और दूसरों को भी जागृत करेंगे।
आशा करता हु की हमारी kavita on anti tobacco day in hindi आपको जरूर अच्छी लगी होगी। अगर अच्छी लगी हो तो ऐसेही हिंदी कविता यहाँ पढ़ते रहे।