एकतरफा अधूरा प्यार पर कविताएँ | One Sided Love Poem In Hindi 2023

दोस्तो, आज हमने one sided love poem in hindi लिखी है, जो प्यार के विषय मे है, जो एक तरफ अधूरा प्यार होता है या फिर रह जाता है, आप इसी विषय की कविता को अगर ढूंढ रहे है, तो आप एकदम सही जगह पर आए है, क्योंकि हमारी लिखी कविताएँ सिंपल और मजेदार होती है।

आपको तो पता ही है कि, आजकल ये प्यार वाला जो विषय है, ये बड़ा ही गंभीर विषय बनते जा रहा है, पहले एक दूजे से प्यार होना फिर साथ मे कई दिन रहना, उसके बाद दिल टूट जाना बड़ा ही आम हो गया है, कोई तो प्यार का इज़हार करके दिल तोड़ लेते है, तो कोई कोई प्यार का इज़हार ही नही करते और एक तरफ प्यार कर बैठते है और वैसेही रह जाते है।

मेरा मानना है कि, अगर आप किसीसे प्यार करते हो तो अपने प्यार का इज़हार जरूर करे, नाकि इज़हार किये बिना ही दिल तोड़ ले, ऐसे लोग है मैं बता रहा हु, मैने देखे है जिन्हें फट्टू भी कहते है, करो यार इज़हार अपने प्यार का अगला इंसान आपको थोड़े ना खाने वाला है, अगर प्यार करते हो तो उसका इज़हार करना भी सीखो, नही तो हमारी एकतरफा प्यार पर कविता तो है ही आपके लिए, इसे पूरा पढ़िए जरूर कुछ याद आएगा कुछ रह गया है समझने के लिए।

एकतरफा प्यार पर कविता

एक दिन की बात है,

एक तरफ़ा प्यार की ये बात है..!

दिखती हो तुम एक दिन मुझे,

लगती हो परी जैसी तुम मुझे..!

ऐसा लगा मुझे कि देखता रह जाऊ दिन भर तुझे,

क्यों की पहली नज़र में ही एक तरफ़ा प्यार हो गया था मुझे..!

तू नज़रों के सामने न भी होती,

तो भी दिखती थी तू नज़रों के सामने मुझे..!

कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था मुझे,

शायद एक तरफ़ा पहला प्यार हो गया था मुझे..!

चुप चुप के रोज देखा करता था मै तुझे,

आँखों से दिल में बसाया करता था मै तुझे..!

सोच लिया था अब मैंने,

करदु तुम्हे मेरे प्यार का इज़हार..!

लेकिन करने जब गया मै प्यार का इज़हार,

उसने बोला मै engage हूँ यार..!

मैंने भी कहा मैं तुमसे करता रहूँगा प्यार,

एक तरफ़ा ही सही तेरे बिना जी लूँगा मेरे प्यार..!

उस दिन से आज तक अकेला हु मैं यार,

करता हु मै बस उसी से एक तरफा प्यार..!

एक दिन की बात है,

एक तरफ़ा प्यार की ये बात है..!

One sided love poem in hindi

 

Ek din ki baat hai,

Ek tarfa pyar ki ye baat hai..!

Dikhti ho tum ek din mujhe,

Lagti ho pari jaisi tum mujhe..!

Aisa laga mujhe ki dekhta reh jau din bhar tujhe,

Kyon ki pehli nazar me hi ek tarfa pyar ho gaya tha mujhe..!

Tu nazro ke samne na bhi hoti,

To bhi dikhti thi tu nazro ke samne mujhe..!

Kuch bhi samajh me nahi aa raha tha mujhe,

Shayad ek tarfa pehla pyar ho gaya tha mujhe..!

Chup chup ke roj dekha karta tha mai tujhe,

Aankhon se dil me basaya karta tha mai tujhe..!

Soch liya tha ab maine,

Kardu tumhe mere pyar ka izhaar..!

Lekin karne jab gaya mai pyar ka izhaar,

Usne bola mai engage hu yaar..!

Maine bhi kaha mai tumse karta rahunga pyar,

Ek tarfa hi sahi tere bina ji lunga mere pyar..!

Us din se aaj tak akela hu main yaar,

Karta hu mai bas usi se ek tarfa pyar..!

Ek din ki baat hai,

Ek tarfa pyar ki ye baat hai..!

एक तरफा अधूरा प्यार कविता

 

मेरा बचपन का प्यार याद आता है,

मेरा वो एक तरफ़ा वाला अधूरा प्यार याद आता है..!

मेरे स्कूल का वह प्यार याद आता है,

उससे मिलने को यह दिल आज भी बेक़रार रहता है..!

उसका गुलाब सा चेहरा मुझे याद आता है,

मुझसे प्यारी प्यारी बातें करना याद आता है..!

उनका वो शरमाना याद आता है,

मुझे देख पेड़ के पीछे छुप जाना याद आता है..!

भूले नहीं होंगे वो मुझे,

ऐसा मेरा ये दिल कहता है..!

मेरा भी इंतज़ार करती होगी वह,

जैसा यह दीवाना उसका इंतज़ार करता है..!

सिर्फ मुझे ही पता है,

की मै उनसे प्यार करता हु..!

बचपन में प्यार का इज़हार करने का मौका ही नहीं मिला,

इसीलिए तो आज एक तरफ़ा उन्हें प्यार करता हु..!

इसीलिए तो मेरा इश्क़ एक तरफ़ा अधूरा रह जाता है,

आजकल मुझे किसी से भी प्यार नहीं हो पाता है..!

मेरा बचपन का प्यार याद आता है,

मेरा वो एक तरफ़ा वाला अधूरा प्यार याद आता है..!

Mera bachpan ka ek tarfa pyar kavita

 

Mera bachpan ka pyar yaad aata hai,

Mera wo ek tarfa wala adhura pyar yaad aata hai..!

Mere school ka woh pyar yaad aata hai,

Usse milne ko yeh dil aj bhi bekarar rehta hai..!

Uska gulab sa chehra mujhe yaad aata hai,

Mujhse pyari pyari batein karna yaad aata hai..!

Unka wo sharmana yaad aata hai,

Mujhe dekh ped ke piche chhup jana yaad aata hai..!

Bhule nahi honge wo mujhe,

Aisa mera ye dil kehta hai..!

Mera bhi intezar karti hogi woh,

Jaisa yeh deewana uska intezar karta hai..!

Sirf mujhe hi pata hai,

Ki mai unse pyar karta hu..!

Bachpan me pyar ka izhaar karne ka mauka hi nahi mila,

Isiliye to aaj ek tarfa unhen pyar karta hu..!

Isiliye to mera ishq ek tarfa adhura reh jata hai,

Aajkal mujhe kisi se bhi pyar nahi ho pata hai..!

Mera bachpan ka pyar yaad aata hai,

Mera wo ek tarfa wala adhura pyar yaad aata hai..!

एकतरफा प्यार की कविता 

एक तरफ़ा प्यार की है ये कहानी,

एक था दीवाना एक थी अनजानी..!

है वह मेरे दिल की रानी,

उसके साथ थी मेरी प्यार की कहानी..!

रहते थे साथ रोज हम दोनों,

बातें करते हम रोज रोज दोनों..!

बातें करते वक़्त देखता था मै उसे,

ऐसे न देखो ऐसा कहती थी वो मुझे..!

पता नहीं मुझे मैं ऐसा क्यों देखता हूँ उसे,

प्यार हो गया था मुझे बड़ी देर बाद पता चला मुझे..!

उसके आँखों में रोज़ देखता रहता मैं,

उसके आँखों के काजल को रोज निहारता रहता मैं..!

उन दिनों बड़ा ही खुश रहता था मै,

दिन रात बस उसके बारे में ही सोचता रहता था मै..!

दिल कहता की बोल दू उसे,

की मेरे दिल में तुम्हारे लिए प्यार है..!

लेकिन फिर दिल कहता की,

करले थोड़ा इंतज़ार रे..!

कब तक करता मै एक तरफ़ा प्यार रे,

इंतज़ार करते करते चली जाएँगी मेरी जान रे..!

करते रह गए हम इंतज़ार रे,

आया हमारे घर उसके शादी का कार्ड मेरे यार रे..!

न कुछ बोल गए हम,

थोड़ा ग़म में डूब गए हम..!

एक तरफ़ा प्यार की है ये कहानी,

एक था दीवाना एक थी अनजानी..!

Ek tarfa pyar ki kahani kavita

 

Ek tarfa pyar ki hai ye kahani,

Ek tha dewana ek thi anjani..!

Hai woh mere dil ki rani,

Uske sath thi meri pyar ki kahani..!

Rehte the sath roj hum dono,

Batein karte hum roj roj dono..!

Batein karte waqt dekhta tha mai use,

Aise na dekho aisa kehti thi wo mujhe..!

Pata nahi mujhe mai aisa kyu dekhta hu use,

Pyar ho gaya tha mujhe badi der baad pta chala mujhe..!

Uske ankhon me roj dekhta rehta mai,

Uske ankhon ke kajal ko roj niharta rehta mai..!

Un dino bada hi khush rehta tha mai,

Din raat bas uske bare me hi sochta rehta tha mai..!

Dil kehta ki bol du use,

Ki mere dil me tumhare liye pyar hai..!

Lekin fir dil kehta ki,

Karle thoda intezar re..!

Kab tak karta mai ek tarfa pyar re,

Intezar karte karte chali jayengi meri jaan re..!

Karte reh gaye hum intezar re,

Aya hamare ghar uske shadi ka card mere yaar re..!

Na kuch bol gaye hum,

Thoda gham me dub gaye hum..!

Ek tarfa pyar ki hai ye kahani,

Ek tha dewana ek thi anjani..!

एकतरफा मोहब्बत कविता

 

एकतरफा मोहब्बत का मजा तुम क्या जानो,

ये एक अलग ही एहसास होता है तुम क्या जानो।

इसे महसूस करके तो देखो ये दर्द भरा जरूर है,

एकतरफा प्यार करके तो देखो इसका दर्द तुम क्या जानो।

हम एक तरफा प्यार करते है तुमसे,

तुम ही मिलो इस जनम हमें ये दुआ करते है रब से..!

डर लगता है कही रब ही ना मुकर जाये हमसे,

कही प्यार एक तरफ़ा ही न रह जाये बन के..!

रह जाने दो रह गया तो एक तरफा प्यार,

लेकिन तुझे बताना जरुरी है मेरा ये एक तरफ़ा पहला प्यार..!

तू अगर कर भी दे मेरे पहले प्यार को अपनी ज़िंदगी से बेदखल,

फिर भी करता रहूँगा प्यार तुझसे चुप चुप के देख के तेरी शकल..!

चुप चुप के देखा करूंगा तुझे,

जब तू न दिखे तो तुझे याद करके खुश होने का मजा तुम क्या जानो..!

तुझसे प्यार का इज़हार कर के टूट गए हम,

फिर भी खुश रहते है हम,

इस ख़ुशी का राज़ तुम क्या जानो..!

इस एक तरफा प्यार का मजा ही कुछ और है,

इसमें खुशियाँ ढूँढना तुम क्या जानो..!

एकतरफा मोहब्बत का मजा तुम क्या जानो,

ये एक अलग ही एहसास होता है तुम क्या जानो।

Ek tarfa mohabbat ka maja kavita

 

Ek tarfa mohabbat ka maja tum kya jano,

Ye ek alag hi ehsaas hota hai tum kya jano..!

Ise mehsoos karke to dekho ye dard bhara jarur hai,

Ek tarfa pyar karke to dekho iska dard tum kya jano..!

Hum ek tarfa pyar karte hai tumse,

Tum hi milo iss janam hame ye dua karte hai rab se..!

Dar lagta hai kahi rab hi naa mukar jaye humse,

Kahi pyaar ek tarfa hi na reh jaye banke..!

Reh jane do reh gaya to ek tarfa pyar,

Lekin tujhe batana jaruri hai mera ye ek tarfa pehla pyar..!

Tu agar kar bhi de mere pehle pyar ko apni zindgi se bedakhal,

Fir bhi karta rahunga pyar tujhse chup chup ke dekh ke teri shakal..!

Chup chup ke dekha karunga tujhe,

Jab tu na dikhe to tujhe yaad karke khush hone ka maja tum kya jano..!

Tujhse pyar ka izhaar kar ke tut gaye hum,

Fir bhi khush rehte hai hum,

Iss khushi ka raaz tum kya jano..!

Iss ek tarfa pyar ka maja hi kuchh aur hai,

Isme khushiyan dhundhna tum kya jano..!

Ek tarfa mohabbat ka maja tum kya jano,

Ye ek alag hi ehsaas hota hai tum kya jano..!

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कुछ आखरी शब्द :

आज लिखी हुई one sided love poem in hindi आपने पूरी पढ़ ली हो तो आपको जरूर हमारे इस एक तरफा प्यार पर कविता से कुछ सीखने को मिला होगा, जिससे आपको पता चला होगा कि प्यार करो तो इज़हार करना भी सीखो यार, जिससे आप दोनों का प्यार एकतरफा प्यार बनके ना रह जाये।

आशा करता हु की हमारी एकतरफा अधूरा प्यार कविताएँ आपको जरूर अच्छी लगी होगी। अगर अच्छी लगी हो तो ऐसेही हिंदी कविता यहाँ पढ़ते रहे।

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