Khamoshi Par Shayari In Hindi | खामोशी की शायरी Best 2023

दोस्तो, आज आपके लिए हम khamoshi par shayari in hindi का लेख लाये है, आपकी खामोशी बता रही है, की आपने खामोशी की शायरी ढूंढने के चक्कर मे आज कुछ खाया नही है, तो नाराज़ न हो आप एकदम सही जगह आये हो, ये लेख अपके लिए ही है, जिसे पढ़कर आप खामोश रहना छोड़ दोगे, और खामोशी से आपको प्यार भी हो जाएगा।

वैसे देखा जाए तो कई लोग होते है, जो शांत स्वभाव के होते है, तो अकसर देखा गया है, की वो शांत तो रहते है, लेकिन बड़े बुद्धिमान होते है, वो किसी भी लक्ष्य को हासिल करने से पीछे नही हटते, और अगर उनकी हट गई तो किसीको छोड़ते भी नही, इनके चेहरे पर खामोशी हर वक़्त आपको नज़र आती है।

इस लेख में मैं यही बताने वाला हु की, अगर हम खामोश रहकर कुछ अलग कर सकते है, तो कैसे कर सकते है? यही चीज मैने अपने खामोशी पर शायरी के लेख में शायरी के माध्यम से लोगो तक पोहोचाने एक छोटा प्रयास किया है, इससे आप थोड़ा मोटीवेट भी हो सकते है।

Best khamoshi par shayari in hindi

 

इश्क़ के समंदर में,

अकसर डूब जाया करते है लोग,

इश्क़ के समंदर में तहरने के बाद,

बड़ी खामोशी से किनारा कर लेते है लोग।

Ishq ke samandar me,

Aksar dub jaya karte hai log,

Ishq ke samandar me teharne ke baad,

Badi khamoshi se kinara kar lete hai log..!

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तजुर्बे से बता रहा हु,

अगर आप का बुरा वक्त चल रहा है,

तो कुछ वक्त खामोशी से ही बिताओ,

ये खामोश वक़्त,

एक दिन शोर मचा देगा।

Tajurbe se bata raha hu,

Agar aap ka bura waqt chal raha hai,

To kuch waqt khamoshi se hi bitao,

Ye khamosh waqt,

Ek din shor macha dega..!

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पता नही ये अनजान चेहरे,

कैसे वक़्त पर नज़र आते है,

और पहचान वाले चेहरे,

खामोशी से नज़र बंद हो जाते है।

Pata nahi ye anjaan chehre, 

Kaise waqt par nazar aate hai,

Aur pehchan wale chehre, 

khamoshi se nazar band ho jate hai..!

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नज़रों से दूर रहकर,

आप अकेले कैसे रह लेते हो,

हमसे मील बगैर ही,

बड़ी खामोशी से इज़हार कर लेते हो,

क्या तुम मुझसे इतना प्यार करते हो।

Nazron se dur rehkar,

Aap akele kaise reh lete ho,

Humse mile bagair hi,

Badi khamoshi se pyar ka izhaar kar lete ho,

Kya tum mujhse itna pyar karte ho..!

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दिल की खामोशी को,

तुम खामोश मत समझना साहब,

ये दिल टूट चुका है अभी,

इसपर मरहम मत लगाना साहब।

Dil ki khamoshi ko,

Tum khamosh mat samjhna sahab,

Ye dil tut chuka hai abhi,

Ispar marham mat lagana sahab..!

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खामोश बहुत रह चूका हु मै,

अब कुछ करने की बारी है,

जिसने दिल तोडा है मेरा,

उन्हें मेरी काबिलियत दिखाने की बारी है।

 

Khamosh bahut reh chuka hu mai,

Ab kuch karne ki bari hai,

Jisne dil toda hai mera,

Unhe meri kabiliyat dikhane ki bari hai..!

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खामोशी शायरी 2 लाइन

खामोश रहकर तुम्हे टकराना जरूरी था,

बाकी कुछ नही प्यार का इज़हार करना जरूरी था।

Khamosh reh kar tumhe takrana zaroori tha, 

Baki kuch nahi pyaar ka izhaar karna zaroori tha..!

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तुम्हे खामोश पाकर हम भी खामोश हो गए,

जाना था कही और लेकिन तुम्हारे पास ही रह गए।

Tumhe khamosh pakar hum bhi khamosh ho gaye, 

Jana tha kahi aur lekin tumhare paas hi rah gaye..!

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ज़िन्दगी में आने वाली मुश्किलों से वाकिफ हु मैं,

खामोशी से सामना करता हु उन मुश्किलों का।

Zindagi mein aane wali mushkilon se wakif hu main, 

Khamoshi se saamna karta hu un mushkilon ka..!

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मुझसे किसी ने कहा खामोश होकर रहना बेटा,

मैने भी कह दिया पुराना जमाना चला गया चाचा।

Mujhse kisi ne kaha khamosh hokar rahna beta, 

Maine bhi kah diya purana jamana chala gaya chacha..!

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कुछ पुरानी बातों को भुला देना चाहिए,

बस खामोशी से आगे बढ़ना चाहिए।

Kuch purani baaton ko bhula dena chahiye, 

Bas khamoshi se aage badhana chaahie..!

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कुछ बातें बुरी सुनी नही जाती,

खामोश रहकर जवाब देना पड़ता है उन्हे।

Kuchh baaten buri suni nahi jaati, Khamosh reh kar javaab dena padta hai unhe.

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खामोशी की शायरी

 

उनके मासूम चेहरे को हम,

नादान और खूबसूरत समझ बैठे,

वादा करके जब धोखा दिया उसने,

जब उनसे हम प्यार कर बैठे।

Unake maasoom chehre ko ham, 

Nadaan aur khoobsurat samajh baithe, Wada karke jab dhokha diya usne,

Jab Unse ham pyaar kar baithe..!

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दिन का सूरज निकलकर,

खामोश हुआ बैठा था,

बारिश तब भी आयी,

सूरज खामोश होकर देखता बैठा था।

Din ka suraj nikal kar, 

Khamosh hua baitha tha, 

Baarish tab bhi aayi, 

Suraj khamosh hokar dekhta baitha tha..!

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वो वक़्त था पुराना,

जिसे हम बचपन कहते है,

साथ में सब खेलते थे,

कभी रूठते थे, 

तो कभी खामोश होकर बैठते थे।

Wo waqt tha purana, 

Jise hum bachpan kehte hai, 

Saath mein sab khelte the, 

Kabhi ruthate the, 

To kabhi khamosh ho kar baithte the..!

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ज़िन्दगी के सफर में,

मुश्किलों से लड़ते लड़ते सफर करना है हमे,

खामोशी से ही सही,

लेकिन आगे बढ़ते रहना है हमे।

Zindagi ke safar mein, 

Mushkilon se ladte ladte safar karna hai hame, 

Khamoshi se hi sahi, 

Lekin aage badhte rehna hai hame..!

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कुछ बीते लम्हे याद आये मुझे,

कुछ प्यार भरे लम्हे थे,

तो कुछ प्यार में धोखा खाकर,

खामोश रहने वाले थे।

Kuch beete lamhe yaad aaye mujhe, 

Kuch pyar bhare lamhe the, 

To kuch pyar mein dhokha khakar, Khamosh rahne wale the..!

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खामोशी वाली शायरी

 

इस नखरेवाली ने मार डाला,

तेरी इन गजब अदाओं ने मार डाला,

हम खामोशी से देखते ही रह गए,

तुमने तो हमारी खामोशी को ही मार डाला।

Is nakhrewali ne maar dala, 

Teri in gajab adaon ne maar dala, 

Hum khamoshi se dekhte hi rah gaye, 

Tumne to meri khamoshi ko hi maar daala..!

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तेरा इंतज़ार करते रहे हम,

एक जगह खामोश बैठ कर,

जब तुम ना आये हमसे मिलने,

तो दिनभर बैठा रहा,

की तुम क्यों ना आयी यही सोच कर।

Tera intezaar karte rahe hum, 

Ek jagah khamosh baith kar, 

Jab tum na aaye humse milne, 

To dinbhar baitha raha, 

Ki tum kyun na aayi yahi soch kar..!

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नफरत करने वाले लोगों से,

दूर ही रहा करो आजकल,

इनसे उलझने से अच्छा है,

खामोश रहना आजकल।

Nafrat karne wale logon se, 

Door hi raha karo aaj kal, 

Inse ulajhane se achchha hai, 

Khamosh rehna aaj kal..!

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कुछ लोग आगे बढ़ जाते है,

तो कुछ लोग सोचते रह जाते है,

कुछ लोग तरक्की कर जाते है,

तो कुछ लोग खामोशी से देखते रह जाते है।

Kuch log aage badh jaate hai, 

To kuch log sochte reh jaate hain, 

Kuch log tarakki kar jaate hain, 

To kuch log khamoshi se dekhte reh jaate hain..!

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तेरे चेहरे की खामोशी बता रही है,

की तू टूट गया है अंदर से,

अब बाकी क्या बचा है तेरे अंदर,

की तू बोल भी नही पा रहा है हमसे।

Tere chehre ki khamoshi bata rahi hai, 

Ki tu toot gaya hai andar se, 

Ab baki kya bacha hai tere andar, 

Ki tu bol bhi nahi pa raha hai hamse..!

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खामोशी शायरी attitude

 

खामोश रहकर प्यार करना,

आज किसे आता है जनाब,

हम तो बड़े कमीने है,

उनकी आँखों मे आँखे डालकर,

प्यार का इज़हार करते है जनाब।

Khaamosh rahakar pyaar karana, 

Aaj kise aata hai janaab, 

Hum to bade kamine hai, 

Unki aankhon me aankhe daal kar, 

Pyaar ka izahaar karte hai janaab..!

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मैने कई बार अकेले रहकर देखा,

उन सन्नाटे को महसूस करके देखा,

वो कुछ बोल रहा था उस वक़्त,

उसे खामोशी में भी आवाज़ करते देखा।

Maine kai baar akele reh kar dekha, 

Un sannate ko mehsoos karke dekha, 

Wo kuchh bol raha tha us waqt, 

Use khamoshi mein bhi aawaaz karte dekha..!

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खामोशी में भी प्यार होता है,

इसे महसूस करके तो देखो,

बड़ा वफादार होता है,

इसे आजमाकर तो देखो।

Khamoshi mein bhi pyar hota hai, 

Ise mehsoos karke to dekho, 

Bada wafadar hota hai, 

Ise aazma kar to dekho..!

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इस जमाने का प्यार,

किसे समझ आता है,

दिल तोड़ जाता है,

बड़ी खामोशी से।

Is zamane ka pyaar, 

Kise samajh aata hai, 

Dil tod jaata hai, 

Badi khamoshi se..!

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सन्नाटा भी बहुत जरूरी है ज़िन्दगी में,

पलभर खुश रहने के लिए,

इससे ना भागो तुम ज़िन्दगी में,

अगर करना है कुछ देश के लिए।

Sannata bhi bahut jaroori hai zindagi mein, 

Pal bhar khush rahne ke liye, 

Is se na bhago tum zindagi mein, 

Agar karna hai kuchh desh ke liye..!

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बेवजह खामोशी शायरी

 

मेरी खामोशी की वजह को तू,

मेरा टूटा प्यार मत समझना,

मैं कुछ बड़ा करने की सोच रहा हु,

मेरी खामोशी को कमजोर मत समझना।

Meri khamoshi ki wajah ko too, 

Mera tuta pyaar mat samajhna, 

Main kuchh bada karne ki soch raha hu, Meri khamoshi ko kamzori mat samajhna..!

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समझना है मेरी खामोशी को, 

तो पहले समझना होगा तुम्हे,

की ये प्यार है या धोखा,

ये परखना होगा तुम्हे।

Samajhna hai meri khamoshi ko, 

To pehle samajh na hoga tumhe, 

Ki ye pyaar hai ya dhokha, 

Ye parakhna hoga tumhe..!

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जाना है हमे छोड़कर,

तो खामोशी से चले जाओ,

वरना आप जानते है,

हम कितने कमीने है,

कब बाहों में भर लेंगे पता भी ना चलेगा।

Jaana hai hame chhod kar, 

To khamoshi se chale jao, 

Warna aap jante hai, 

Hum kitne kamine hai, 

Kab baahon mein bhar lenge pata bhi na chalega..!

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अनजान जगह पे ये पंछी कहाँ से आ गये,

इस खामोश जगह पर,

अकेला बैठा था मैं,

ये गरजने वाले काले बादल कहा से आ गए।

Anajaan jagah pe ye panchhi kahaan se aa gaye, 

Is khamosh jagah par, 

Akela baitha tha main, 

Ye garajne wale kale badal kaha se aa gaye..!

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कुछ तो बात थी उनकी खमोशी में,

वो खामोश रहकर भी कुछ कह जाते थे,

बस उनकी तरफ कुछ वक्त ही देख लो,

समा जाओगे उनकी खामोशी में।

Kuch to baat thi unki khamoshi mein, 

Wo khamosh reh kar bhi kuch keh jate the, Bas unki taraf kuch waqt hi dekh lo, 

Sama jaoge unki khamoshi mein..!

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कुछ आखरी शब्द :

आज जो हमने khamoshi par shayari in hindi पर लेख लिखा है, वो आपने पूरा पढ़ ही लिया होगा, अगर नही पढा तो जरूर पढ़कर हमे बताओ कि आपको इस खामोशी की शायरी के लेख में आपको खामोशी से प्यार तो नही हुआ, क्या आप ने कभी सन्नाटे को महसूस किया है जरूर बताएं।

आशा करता हु की हमारा ये खामोशी पर शायरी का लेख आपको जरूर अच्छा लगा होगा, अगर अच्छा लगा हो तो ऐसेही हिंदी शायरी यहाँ पढ़ते रहे।

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