Biwi Ko Manane Ki shayari In Hindi | रूठी बीवी को मनाने की शायरी 2023

Biwi Ko Manane Ki shayari in hindi: दोस्तो, आज हम इस लेख में अपने बीवी को मनाने वाली शायरी कुछ हटके शायरी लिखे है, जो बीवी को मनाएगी भी और हसाएंगी भी क्योंकि ये हमने लिखी शायरी कुछ तीखी खट्टी और मीठी भी है।

कभी कभी किसी कारणवश बीवी हमसे रूठ जाती है, उसके कई कारण हो सकते है, लेकिन उसका तो हक़ बनता है, तो एक थका हारा शाम को ऑफीस या काम से अपने घर आया हुआ इंसान अपनी बीवी को भला गुस्से से तो मना नही सकता, तो शायरी उसके लिए असरदार साबित हो सकती है, लेकिन शायरी भी तीखी और खट्टी होनी चाहिए जिससे बीवी हस दे।

आज हमने इसीलिए बीवी को मनाने की शायरी लिखी है, जिससे आप अपनी रूठी हुई बीवी को मना सके और उसे हँसा सके, इस लेख को आप पूरा जरूर पढिये इसमें खट्टी मीठी तीखी वाली शायरी है, जो आपकी बीवी को मनाने में कारगर साबित होगी।

Biwi ko manane ki shayari

 

हमसे तुम आज रूठ गयी हो,

बोलो तुम्हे कैसे मनाऊं मैं,

गुब्बारे जैसे गाल फूले है तुम्हारे,

क्या इसे खा जाऊ मै।

 

Humse tum aaj ruth gayi ho,

Bolo tumhe kaise manau Mai,

Gubbare jaise gaal fule hai tumhare,

Kya ise kha jau Mai..!

 

रूठे तो हो तुम मुझसे,

दिखा कुछ और रही हो,

बाते तो तुम कर रही हो मुझसे,

लेकिन अंदर से गुस्सा बहुत हो।

 

Ruthe to ho tum mujhse,

Dikha kuch aur rahi ho,

Baate to tum kar rahi ho mujhse,

Lekin andar se gussa bahut ho..!

 

इतना भी ना रूठा करो तुम,

चुड़ैल जैसी तब तुम दिखती हो,

डर लगता है मुझे तुमसे,

क्योंकि रात को सपने में भी तुम दिखती हो।

 

Itna bhi na rutha karo tum,

Chudail jaisi tab tum dikhti ho,

Dar lagta hai mujhe tumhara,

Raat ko sapne me bhi tum dikhti ho..!

 

गुस्सा तुम्हारा तुझसे भी मीठा लागे मुझे,

जैसे कोई जलेबी हो,

थोड़ा गुस्से से इधर देख लेती तो,

तीखे समोसे की कमी भी पूरी हो।

 

Gussa tumhara tujhse bhi mitha lage mujhe,

Jaise koi jalebi ho,

Thoda gusse se idhar dekh leti to,

Tikhe samose ki kami bhi puri ho..!

 

रूठी बीवी को मनाने की शायरी

 

बीवी तो वो होती है,

जो रूठी भी हो अपने पति से,

फिर भी पति को खाना खिलाती है,

बिना खाना खाये वो खुद सो जाती है।

 

Biwi to wo hoti hai,

Jo ruthi bhi ho apne pati se,

Phir bhi pati ko khana khilati hai,

Bina khana khaye wo khud so jati hai..!

 

अपने ही रूठ जाते है अपनों से,

कोई दूजा कहाँ रूठेगा,

हमारी गलती तो बता दो जानेमन,

ये तुम्हारा आशिक तुम्हारे सिवा और कहा जायेगा।

 

Apne hi ruth jate hai apno se,

Koi duja kaha ruthega,

Hamari galti to bata do janeman,

Ye tumhara aashiq tumhare siwa aur kaha jayega..!

 

बीवी हो तुम मेरी,

रूठना तुम्हारा हक़ है,

बस इतनी सी बात बतादो मुझे तुम,

कही तुम्हे मुझपर कोई शक है।

 

Biwi ho tum meri,

Ruthna tumhara haq hai,

Bas itni si baat batado mujhe tum,

Kahi tumhe mujhpar koi Shak hai..!

 

जब भी तुम रुठ जाती हो मुझसे,

एक कोने में बैठ जाती हो,

क्या छोटी बच्ची हो तुम।

 

Jab bhi tum ruth jati ho mujhse,

Ek kone me baith jati ho,

Kya chhoti bachhi ho tum..!

 

नाराज पत्नी को मनाने वाली शायरी

 

ये तुम्हारी नाराज़गी कह रही है,

की तुम्हे अपने मायके जाना है,

तो जाओ न तुम्हे किसने रोका है।

 

Ye tumhari narazgi keh Rahi hai,

Ki tumhe apne mayke Jana hai,

To jao na tumhe kisne roka hai..!

 

घर आते ही मैं देखु उसे,

वो नाराज़ दिखाई दी मुझे,

मैंने भी खुद से कह दिया,

अब रात को ही देखते है इसे।

 

Ghar aate hi Mai dekhu use,

Wo naraz dikhai di mujhe,

Maine bhi khud se keh Diya,

Ab raat ko hi dekhte hai ise..!

 

तुम्हारी आँखों में गुस्सा है,

और मेरी आँखों में प्यार तुम्हारे लिए,

तुम जान भी माँगोगी न आज,

तो भी मेरी जान हाज़िर है तुम्हारे लिए।

 

Tumhari aankhon me gussa hai,

Aur meri aankhon mein pyar tumhare liye,

Tum Jaan bhi mangogi na aaj,

To bhi meri Jaan hazir hai tumhare liye..!

 

वक़्त सबका बदलता है,

मेरा भी बदलेगा,

तुम आज गुस्सा हो मुझपर,

कल मै भी गुस्सा हो जाऊंगा।

 

Waqt sabka badalta hai,

Mera bhi badlega,

Tum aaj gussa ho mujhpar,

Kal mai bhi gussa ho jaunga..!

 

पत्नी को मनाने वाली शायरी

 

गुलाब की कली हो तुम मेरी,

जो रूठी हुयी अच्छी नहीं लगती,

सिर्फ खिलती हुई अच्छी लगती है।

 

Gulab ki kali ho tum meri,

Jo ruthi huyi achhi nahi lagti,

Sirf khilti huyi achhi lagti hai..!

 

जब तुम मेरे लिए,

गुस्से में खाना बनाती हो,

माँ कसम सबसे अच्छा खाना बनाती हो।

 

Jab tum mere liye,

Gusse me khana banati ho,

Maa Kasam sabse achha khana banati ho..!

 

गुस्से में जब तुम होती हो,

चुड़ैल कम सुन्दर बहुत दीखती हो,

बाँहों में लेने का मन होता है मेरा,

लेकिन कभी कभी तुम थप्पड़ जड़ देती हो।

 

Gusse me jab tum hoti ho,

Chudail kam Sundar bahut dikhti ho,

Bahon me lene ka man hota hai mera,

Lekin kabhi kabhi tum thappad jad deti ho..!

 

इतना गुस्सा सेहत के लिए अच्छा नहीं,

क्युकी गर्मी बहुत चालू है,

और आइस क्रीम खिलाने का मेरे पास पैसा नहीं।

 

Itna gussa sehat ke liye achha nahi,

Kyuki garmi bahut chalu hai,

Aur ice cream khilane ka mere paas Paisa nahi..!

 

रूठी बीवी को हँसाने वाली शायरी

 

रुठने का हमसे,

पूरा अधिकार है तुम्हे,

क्या बाँहों में,

तुम्हे भरने का अधिकार है हमे।

 

Ruthne ka humse,

Pura adhikar hai tumhe,

Kya bahon me,

Tumhe bharne ka adhikar hai hume..!

 

अपने पति से वो बीवी रूठती है,

जो अपने पति से सबसे ज्यादा मोहब्बत करती है,

इसलिए तुम्हे मनाने की जरुरत नही मुझे।

 

Apne pati se wo biwi ruthti hai,

Jo apne pati se sabse jyada mohabbat karti hai,

Isliye tumhe manane ki jarurat nahi mujhe..!

 

मुझे पता है तुम मुझे देख कर हसने वाली हो अभी,

फिर क्यों रूठ जाती हो तुम कभी कभी।

 

Mujhe pata hai tum mujhe dekh kar hasne wali ho abhi,

Phir kyu ruth jati ho tum kabhi kabhi..!

 

कितने मासूम दीखते है वो लोग,

जो अक्सर रूठ जाया करते है,

लेकिन सच तो ये है,

की वो मासूम होते नहीं।

 

Kitne masoom dikhte hai wo log,

Jo aksar ruth jaya karte hai,

Lekin sach to ye hai,

Ki wo masoom hote nahi..!

 

Final word :

हम आशा करते है कि, आज हमने जो Biwi Ko Manane Ki shayari का लेख लिखा है, वो आपको बेहद पसंद आया होगा, और हमे उम्मीद है कि आप एक बार हमारे लेख में से एक शायरी आपकी रूठी बीवी को मनाने के लिए जरूर उन्हें सुनाएंगे ताकि आपकी बीवी कभी रूठ जाए तो इस शायरी को सुनकर शायद वो हँस पड़े।

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