दोस्तो, आज हमने आपके लिए dar shayari in hindi का एक बेहतरीन लेख लिखा है, जिन शब्दों को आप ढूंढ रहे थे उन शब्दों को हमने इस लेख में बड़े गहराई से लिखा है,में जो आपको इस लेख को पढ़के समझ आएगी।
हर इंसान को डर लगता है चाहे वो कितना भी बोले कि उसे डर नही लगता क्योंकि डर को खुद हम जन्म देते है जो हमे अंदर से कमजोर बना देता है और हम कोई भी काम डर डर के करना सीख लेते है।
क्या आपने कभी अपने जीवन मे बिना डरे काम किया है? अगर किया है तो आपको खुद को पता होगा कि जीत तब मिलती है जब हम बिना डरे किसीभी काम या परेशानी का जब सामना करते है तो उसमें मजा भी आता है और जीत भी हासिल होती है, इसीलिए आज हमने डर शायरी का लेख बिना डर के लिखा है इसे पूरा जरूर पढिये।
Dar shayari in hindi
डर से क्या डरना जनाब,
मेरा डर ही मेरी ताकत है,
ये दूसरों के लिए बहुत बड़ी आफत है।
Dar se kya darna janab,
Mera dar hi meri takat hai,
Ye dusron ke liye bahut badi aafat hai..!
डर से जितना किसे आता है,
क्या यहाँ बता सकता है कोई,
सबको डर लगता है यहाँ,
लेकिन बताता नहीं यहाँ कोई।
Dar se jitna kise aata hai,
Kya yaha bata sakta hai koi,
Sabko dar lagta hai yaha,
Lekin batata nahi yaha koi..!
डर को एक सपना समझकर भूल जाना,
डर तो खुद हम है,
तू खुद को तो जरा आजमाके देख,
डर के आगे जीत है।
Dar ko ek sapna samjhkar bhool jana,
Dar to khud hum hai,
Tu khud ko to jara ajmake dekh,
Dar ke aage jeet hai..!
डर लगता है मुझे,
कही दुबारा मुलाक़ात न हो जाये उनसे,
प्यार एक ही बार होता है,
कही दोबारा प्यार न हो जाये उनसे।
Dar lagta hai mujhe,
Kahi dobara mulaqat na ho jaye unse,
Pyar ek hi baar hota hai,
Kahi dobara pyar na ho jaye unse..!
Pyar khone ka dar shayari
ये कैसा प्यार है मेरा,
जिसने मेरा दिल तोडा उसी को याद करता है,
आज भी मुझे उन्हें खोने का डर लगता है।
Ye kaisa pyar hai mera,
Jisne mera dil toda usi ko yaad karta hai,
Aaj bhi mujhe unhe khone ka dar lagta hai..!
तू दूर है मुझसे,
लेकिन तेरी यादें मेरे पास है,
डर लगता है कही खो न दूँ तुझे मै,
यही तो प्यार का एहसास है।
Tu dur hai mujhse,
Lekin teri yadein mere pass hai,
Dar lagta hai kahi kho na du tujhe mai,
Yahi to pyar ka ehsaas hai..!
जब पास होती थी तुम मेरे,
तो किसी का डर नहीं था मुझे,
मुझसे दूर क्या हो गयी तुम,
अब तुम्हे खोने का डर है मुझे।
Jab paas hoti thi tum mere,
To kisi ka dar nahi tha mujhe,
Mujhse dur kya ho gayi tum,
Ab tumhe khone ka dar hai mujhe..!
मैं तेरा हु जानेमन,
बस इतना भरोसा रख तू,
अगर मैं कही खो जाऊ तो डरना नहीं,
तुझे लेने वापस आऊंगा इतना भरोसा रख तू।
Mai tera hu janeman,
Bas itna bharosa rakh tu,
Agar mai kahi kho jau to darna nahi,
Tujhe lene wapas aunga itna bharosa rakh tu..!
Kisi ko khone ka Dar shayari rekhta
प्यार करती हो तुम मुझसे,
तो घर पर बात कहने को क्यों शरमाती हो,
याद रख तूने सिर्फ प्यार किया है,
किसी का क़त्ल नहीं।
Pyar karti ho tum mujhse,
To ghar par baat kehne ko kyu sharmati ho,
Yaad rakh tune sirf pyar kiya hai,
Kisi ka katl nahi..!
तू तेरे अंदर झांक के देख,
डर कहाँ छुपा है तो,
अगर दिख जाये डर तुझे,
तो उसे बोलना हिम्मत बनेगा क्या मेरी।
Tu tere andar jhank ke dekh,
Dar kahan chhupa hai to,
Agar dikh jaye dar tujhe,
To use bolna himmat banega kya meri..!
कौन कहता है,
की उसे डर नहीं लगता,
डर सबको लगता है,
जैसे जैसे इंसान समझदार होता है।
Kaun kehta hai,
Ki use dar nahi lagta,
Darr sabko lagta hai,
Jaise jaise insaan samajhdar hota hai..!
घर के बाहर जब निकला मैं,
अँधेरी रात और सुनसान सड़क थी,
डर तो बहुत लग रहा था मुझे आगे बढ़ने में,
फिर भी मै आगे गया,
क्युकी आगे मेरी मेहबूबा खड़ी थी।
Ghar ke bahar jab nikla mai,
Andheri raat aur sunsan sadak thi,
Dar to bahut lag raha tha mujhe aage badhne me,
Phir bhi mai aage gaya,
Kyuki aage meri mehbooba khadi thi..!
Bichadne ka dar shayari
तेरे बिछड़ने का डर है मुझे,
क्यूंकि तुम रोज मुझसे झगड़ती हो,
लेकिन प्यार इतना करती हो,
की तुम मुझे जल्दी ही मना लेती हो।
Tere bichadne ka dar hai mujhe,
Kyunki tum roj mujhse jhagadti ho,
Lekin pyar itna karti ho,
Ki tum mujhe jaldi hi mana leti ho..!
डर लगता है मुझे,
कही मुझसे बिछड़ न जाओ तुम,
मुझसे बिछड़ कर,
कही बिखर ना जाओ तुम।
Dar lagta hai mujhe,
Kahi mujhse bichhad na jao tum,
Mujhse bichhad kar,
Kahi bikhar na jao tum..!
झूट से ही प्यार की शुरुआत की थी मैंने,
अब सच बोलने से डरता हूँ तुमसे,
तू कही बिछड़ न जाए,
यही सोच कर और झूट बोलता हूँ तुमसे।
Jhoot se hi pyar ki shuruaat ki thi maine,
Ab sach bolne se darta hu tumse,
Tu kahi bichhad na jaye,
Yahi soch kar aur jhoot bolta hu tumse..!
प्यार तो हो गया था तुमसे सच्चा,
अब बताना भी तो था तुम्हे,
अगर बता दू तो भी डर था,
कही छोड़ के चली न जाओ तुम हमे।
Pyar to ho gaya tha tumse sachha,
Ab batana bhi to tha tumhe,
Agar bata du to bhi darr tha,
Kahi chhod ke chali na jao tum hume..!
Tujhe khone ka dar shayari
तुझे खोने का डर,
हमने कब का छोड़ दिया था,
क्युकी तुम्हारे प्यार में,
मै धीरे धीरे खोने जो लगा था।
Tujhe khone ka dar,
Humne kab ka chhod diya tha,
Kyuki tumhare pyar me,
Mai dhire dhire khone jo laga tha..!
इश्क़ आप से हमने ऐसा किया है,
की अब तुम्हे खोने का डर भी नहीं लगता हमें,
दिल तो तेरा हमारे पास है,
तुम चाहो तो चले जाना अब छोड़ कर हमें।
Ishq aap se humne aisa kiya hai,
Ki ab tumhe khone ka dar bhi nahi lagta hume,
Dil to tera hamare paas hai,
Tum chaho to chale jana ab chhod kar hume..!
प्यार करने से डरता था मै,
खुद से ही प्यार करता था मै,
अब तुझे खोने से डरता हु,
क्युकी खुद से भी ज्यादा तुझसे प्यार करता हु।
Pyar karne se darta tha mai,
Khud se hi pyar karta tha mai,
Ab tujhe khone se darta hu,
Kyuki khud se bhi jyada tujhse pyar karta hu..!
तुझे छू कर आने वाली हवा,
मुझे छू कर भी जाये,
मेरा हाथ पकड़े रहना तुम,
कही ये हवा तुमको मुझसे दूर लेके न जाये।
Tujhe chhu kar aane wali hawa,
Mujhe chhu kar bhi jaye,
Mera hath pakde rehna tum,
Kahi ye hawa tumko mujhse door leke na jaye..!
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कुछ आखरी शब्द :
आज जो हमने darr shayari in hindi पर लेख लिखा है, वो आपने पूरा पढ़ ही लिया होगा, अगर नही पढा तो जरूर पढ़कर हमे बताओ कि आपको इस खोने का डर शायरी का लेख कैसा लगा।
आशा करता हु की हमारा ये dar hindi shayari का लेख आपको जरूर अच्छा लगा होगा, अगर अच्छा लगा हो तो ऐसेही हिंदी शायरी यहाँ पढ़ते रहे।