दोस्तों rain poem in hindi कविता में बारिश-वर्षा ऋतू के मौसम का वर्णन किया है जिसमे पहली बारिश की बूंदे जब गिरती है तभी सावन के मौसम का मज़ा आता है जैसे कि मन में एक प्यार भरी बारिश हो रही हो |
जब बारिश आती है तब बारिश में भीगने का मन तो करता ही है लेकिन उसका दुगना मज़ा तो गरमा गरम पकोड़े और चाय पीने के साथ ही आता है जो की rain poem hindi के कविता में बताया गया है |
चलो तो इस rain poetry बारिश के मौसम में कुछ बारिश पर कविता पढ़ते है |
Rain poem hindi
बारिश पर बाल कविता
बारिश आयी बारिश आयी,
सब के चेहरे पे खुशियाँ लायी..!
बारिश का हम आनंद है लेते,
बारिश में हम सब भीग जाते..!
कपडे घर में ही है सुखाते,
गरमा गरम हम चाय है पीते..!
भजिया गरम बनाती जब मम्मी,
उसको हम झटसे खा जाते..!
उसके बाद पता चलता है,
बाहर भी खेलना पड़ता है..!
दोस्त भी इंतज़ार करता रहता है,
मैदान भी गीला रहता है..!
आखिर गीले मैदान में ही,
हम सब को खेलना पड़ता है..!
खेलते खेलते हम भीग जाते,
कोने में हम छुप जाते..!
थोड़ी देर बात हम करते,
बालों का पानी साफ़ है करते..!
फिरसे बारिश है रुक जाती,
फिरसे खेलना स्टार्ट है करते..!
ऐसे ही है दिन ढल जाता,
बारिश का मौसम कभी कभी ही आता..!
बारिश आयी बारिश लायी,
सब के चेहरे पे खुशियाँ लायी..!
Rain poem in hindi
Barish aayi barish aayi,
Sab ke chehre pe khushiyan layi..!
Barish ka hum anand hai lete,
Barish me hum sab bhig jate..!
Kapde ghar me hi hai sukhate,
Garma garam hum chai hai pite..!
Bajiya garam banati jab mummy,
Usko hum jhatse kha jate..!
Uske baad pata chalta hai,
Bahar bhi khelna padta hai..!
Dost bhi intezar karta rehta hai,
Maidaan bhi gila rehta hai..!
Aakhir gile maidaan me hi,
Hum sab ko khelna padta hai..!
Khelte khelte hum bhig jate,
Kone me hum chhup jate..!
Thodi der baat hum karte,
Balon ka pani saaf hai karte..!
Firse barish hai ruk jati,
Firse khelna start hai karte..!
Aise hi hai din dhal jata,
Barish ka mausam kabhi kabhi hai ata..!
Barish aayi barish aayi,
Sab ke chehre pe khushiyan layi..!
Short poem on rainy season in hindi
बारिश के मौसम पर कविता
बारिश का मौसम है आया,
ढेर सारी खुशियाँ लाया..!
गर्मी से अब मिलेगा छुटकारा,
सभी तरफ बारिश का साया..!
गीत गूंजे ये सब के मन में,
बारिश का यह मौसम आया..!
सब नाचे आँगन में अपने,
सबको है अब भीग जाना..!
बारिश में कीचड़ में गिरना,
मम्मी से घर में डांट खाना..!
गरमा गरम भजिया है खाना,
सबके साथ गाना है गाना..!
बारिश का आनंद है लेना,
बूँद बूँद को मेहसूस है करना..!
नए नए पेड़ पौधे है लगाना,
बारिश में उसको है नहाना..!
सब तरफ हरियाली है छाये,
बारिश का जब मौसम आये..!
पंछियों की जब किलबिलाहट आये,
खुशियाँ हम सब में भर जाये..!
तितलियां जब पेड़ों पे मंडराये,
आँखों को ये सब है भाये..!
बारिश का मौसम है आया,
ढेर सारी खुशियाँ लाया..!
poem on rainy season in hindi
Barish ka mausam hai aya,
Dher saari khushiyan laya..!
Garmi se ab milega chhutkara,
Sabhi taraf barish ka saya..!
Geet gunje ye sab ke man me,
Barish ka yeh mausam aaya..!
Sab nache aangan me apne,
Sabko hai ab bhig jana..!
Barish me kichad me girna,
Mummy se ghar me daant khana..!
Garma garam bhajiya hai khana,
Sabke sath gaana hai gana..!
Barish ka anand hai lena,
Boond Boond ko mehsoos hai karna..!
Naye naye ped paudhe hai lagana,
Barish me usko hai nahana..!
Sab taraf hariyali hai chhaye,
Barish ka jab mausam aaye..!
Panchiyon ki jab kilbilahat aaye,
Khushiyan hum sab me bhar jaye..!
Titliyan jab pedon pe mandraye,
Aankhon ko ye sab hai bhaye..!
Barish ka mausam hai aya,
Dher saari khushiyan laya..!
Poem on rain in hindi
पहली बारिश पर कविता
पहली बारिश जब है आये,
चेहरे पे ख़ुशी है छाये..!
खिड़की से जब हाथ निकाले,
पहली बारिश महसूस कर पाए..!
पहली बारिश की बूंदे गिर जाये,
धरती खुशियों से महक जाये..!
तब भिगनेका मन है करता,
जब आँगन में पानी है गिरता..!
देख जोर से बारिश का गिरना,
नाचने का मन है करता..!
गरम पकोड़े याद है आना,
साथ में गरमा गरम चाय भी पीने..!
नजारा कुछ ऐसा दिख जाये,
पेड़ों में खुशियों की लहर छा जाये..!
पंछी भी है गीत गाये,
किलबिल किलबिल करते जाये..!
जब बारिश से नदियां भर जाये,
तब हम सब तैरने जाये..!
पहली बारिश भूल न पाये,
ऐसी याद वह दे जाये..!
पहली बारिश जब है आये,
चेहरे पे ख़ुशी है छाये..!
Poem of rain in hindi
Pehli barish jab hai aaye,
Chehre pe khushi hai chhaye..!
Khidki se jab haath nikale,
Pehli barish mehsoos kar paye..!
Pehli barish ki bunde gir jaye,
Dharti khushiyon se Mehak jaye..!
Tab bighneka man hai karta,
Jab aangan me paani hai girta..!
Dekh jor se barish ka girna,
Nachne Ka man hai karta..!
Garam pakode yaad hai aana,
Sath me Garma garam chai bhi pina..!
Najara kuchh aisa dikh jaye,
Pedon me khushiyon ki lahar chha jaye..!
Panchhi bhi hai Geet gaaye,
Kilbil kilbil karte jaye..!
Jab barish se nadiya bhar jaye,
Tab hum sab tairane jaye..!
Pehli barish bhul na paye,
Aisi yaad woh de jaye..!
Pehli barish jab hai aaye,
Chehre pe khushi hai chhaye..!
बादल और बारिश पर कविता
आकाश में बादल का छाना,
बारिश का धरती पे आना..!
बदल का ये है एक काम,
काला होना सुबह और शाम..!
बादल जब काले हो जाये,
ऊपर से बारिश को बरसाए..!
सबका दिल खुशियों से भर जाये,
धरती पर जब बारिश गिर जाये..!
बंजर ज़मीन को महकाये,
हरा भरा उसको कर जाये..!
खेतों में हरियाली छा जाये,
किसानो को खुशियां दे जाये..!
सूखी नदिया फिर भर जाये,
जब ऊपर से बारिश आजाये..!
बादलों में काला रंग जब छाये,
ये रंग सबको तब भाये..!
आकाश में बादल का छाना,
बारिश का धरती पे आना..!
Badal aur barish par kavita
Akash me badal ka chhana,
Barish ka dharti pe aana..!
Badal ka ye hai ek kaam,
Kala hona subah aur sham..!
Badal jab kale ho jaye,
Upar se barish ko barsaye..!
Sabka dil khushiyon se bhar jaye,
Dharti par jab barish gir jaye..!
Banjar zameen ko mehkaye,
Hara bhara usko kar jaye..!
Kheton me hariyali chha jaye,
Kisano ko khushiyan de jaye..!
Sukhi nadiya fir bhar jaye,
Jab upar se barish aajaye..!
Badlon mein kala rang jab chhaye,
Ye rang sabko tab bhaye..!
Akash me badal ka chhana,
Barish ka dharti pe aana..!
बारिश की बूँद पर कविता
बारिश की बूंदों से कहना,
तुमसे ही है ये सारी दुनिया..!
धरती पर जब तुम्हारा आना,
महक उठे ये जग सारा..!
बंजर जमीन को भी भिगाना,
बहते बहते ही चले जाना..!
पेड़ों को धरती पे उगाना,
हरा भरा उनको कर जाना..!
फूल पत्ती पे तितलियों का मंडराना,
रंगबिरंगी सुन्दर दिखे ये नजारा..!
नदियां नाले भी भर जाये,
बूँद बूँद से जब बारिश आये..!
झरनो में भी जान आजाये,
नदियों को भी बहा ले जाये..!
नदियों का नदियों से जुड़ना,
सबसे बड़ा बने एक धरना..!
गाँव शहर को पानी पिलाना,
सब लोगों की प्यास बुझाना..!
बारिश की बूंदों से कहना,
तुमसे ही है ये सारी दुनिया..!
Barish ki boond par kavita
Barish ki boondon se kehna,
Tumse hi hai ye saari duniya..!
Dharti par jab tumhara aana,
Mehak uthe ye jag saara..!
Banjar jamin ko bhi bhigana,
Behte behte hi chale jana..!
Pedon ko dharti pe ugana,
Hara bhara unko kar jana..!
Phool patti pe titliyon ka mandrana,
Rangbirangi sundar dikhe ye najara..!
Nadiya nale bhi bhar jaye,
Boond boond se jab barish aaye..!
Zarno me bhi jaan ajaye,
Nadiyon ko bhi baha le jaye..!
Nadiyon ka nadiyon se judna,
Sabse bada bane ek dharna..!
Gaon shahar ko pani pilana,
Sab logon ki pyas bujhana..!
Barish ki boondon se kehna,
Tumse hi hai ye saari duniya..!
सावन पर कविता
सावन की बौछार आयी,
धरती कैसे ये महकाई..!
धरती पर ख़ुशियाँ है छायी,
सावन की जब रुत है आयी..!
काले मेघों से बारिश बरसाई,
आयी आयी सावन की घडी आयी..!
टप टप बूंदों की आवाज़ है आयी,
बच्चों को भी नींद न आयी..!
आँगन में पानी भर लायी,
बच्चों ने कागज की नाव चलायी..!
नदिया भी पानी से भर लायी,
सावन ने नदिया है बहायी..!
किसानों ने खेत में फसल लगायी,
जब सावन की बौछार आयी..!
सब तरफ हरियाली छायी,
धरती फिरसे है मुस्कुराई..!
रंग बिरंगी फूलों को उगायी,
तितलियों को खूब नचायी..!
सबको सारा दिन नहाती,
सावन की बारिश जब आती..!
सावन की बौछार आयी,
धरती कैसे ये महकाई..!
Sawan par kavita in hindi
Sawan ki bauchhare aayi,
Dharti kaise ye mehkayi..!
Dharti par khushiyan hai chhayi,
Sawan ki jab rut hai aayi..!
Kale meghon se barish barsayi,
Aayi aayi sawan ki ghadi aayi..!
Tap tap boondon ki awaz hai aayi,
Bachhon ko bhi neend na aayi..!
Aangan me pani bhar layi,
Bachhon ne kagaj ki nav chalayi..!
Nadiya bhi pani se bhar aayi,
Sawan ne nadiya hai bahayi..!
Kisano ne khet me fasal lagayi,
Jab sawan ki bauchhare aayi..!
Sab taraf hariyali chhayi,
Dharti firse hai muskurai..!
Rang Birangi phoolon ko ugayi,
Titliyon ko khub nachayi..!
Sabko sara din nahati,
Sawan ki barish jab aati..!
Sawan ki bauchhare aayi,
Dharti kaise ye mehkayi..!
Kuch Aakhri baat :
Poem of rain in hindi कविता की आपको सभी कविता अच्छी लगी होंगी तो आपको ये सारी बाल कविता बच्चों को भी सुनानी जरूर है ताकि उन्हें भी सुनके मज़ा आजाये |