Best Cleanliness Poem In Hindi | गंदगी मुक्त भारत पर कविता 2023

स्वागत है आपका Cleanliness poem in hindi के आर्टिकल में जो की गंदगी मुक्त भारत कविता से आप को स्वच्छता का मार्ग बताएगा और स्वच्छ भारत अभियान कविता से आपको स्वच्छता का महत्व भी बताएगा.

जैसे आप स्वच्छ रहते हो वैसे ही आपके घर, नगर और अपने भारत को भी आप स्वच्छ रखें ताकि हमारा भारत बीमारी मुक्त बने स्वस्थ रहे.

यही सन्देश हम Cleanliness poem in hindi कविता के माध्यम से भारत को गंदगी मुक्त कैसे बनाये का पाठ दे रहे है और ये कविताएँ क्लास 1,2,3,4,5 के बच्चों को भी स्वच्छता के बारे सिखाएंगे.

हमें तो स्कूल लाइफ में स्वच्छता के बारे में पढ़ाया जाता था और साथ साथ सफाई भी करनी पड़ती थी school life masti kavita में आप को पढने मिलेगा.

अपना नगर हम करते साफ़

 

अपना नगर हम करते साफ़,

कोई बीमारी न रहे हमारे आस पास..!

लेते प्रण हम सब एक ख़ास,

साफ़ रखेंगे अपना नगर हम एक साथ..!

करे रोज हम साफ़ सफाई,

घर के साथ साथ आँगन की भी सारी..!

अपना नगर हम करते साफ़,

कोई बीमारी न रहे हमारे आस पास..!

घर में तुम डस्टबिन है रखना,

सबको कचरा है उसी में ही डालना..!

घर का कूड़ा-कचरा बाहर न फेको,

उसे घर में ही अपने डस्टबिन में ही डालो..!

अपना नगर हम करते साफ़,

कोई बीमारी न रहे हमारे आस पास..!

घर का कचरा बाहर न जायेगा,

नगर हमेशा साफ़ सुथरा रहेगा..!

डस्टबिन का कचरा इधर उधर न तुम फेंको,

रोज कचरे की गाड़ी में ही डालो..!

ऐसा रहे नगर साफ़ हमारा,

कभी न होगा नगर बीमारी का ठिकाना..!

अपना नगर हम करते साफ़,

कोई बीमारी न रहे हमारे आस पास..!

Gandagi mukt bharat par kavita

 

Apna nagar hum karte saaf,

Koi bimari na rahe hamare aas paas..!

Lete pran hum sab ek khaas,

Saaf rakhenge apna nagar hum ek sath..!

Kare roj hum saaf safai,

Ghar ke sath sath aangan ki bhi sari..!

Apna nagar hum karte saaf,

Koi bimari na rahe hamare aas paas..!

Ghar me tum dustbin hai rakhna,

Sabko kachra hai usi me hi dalna..!

Ghar ka kuda-kachra bahar na feko,

Use ghar me hi apne dustbin me hi dalo..!

Apna nagar hum karte saaf,

Koi bimari na rahe hamare aas paas..!

Ghar ka kachra bahar na jayega,

Nagar hamesha saaf suthra rahega..!

Dustbin ka kachra idhar udhar na tum feko,

Roj kachare ki gadi me hi dalo..!

Aisa rahe nagar saaf hamara,

Kabhi na hoga nagar bimari ka thikana..!

Apna nagar hum karte saaf,

Koi bimari na rahe hamare aas paas..!

स्वच्छ भारत अभियान पर कविता

 

स्वच्छ भारत अभियान चलाओ,

भारत को गंदगी मुक्त बनाओ..!

हर घर रहे भारत का साफ़,

मन में अपने ठान लो ये बात..!

डस्टबिन घर में रख लो आज,

उसमे ही डालो कचरा बेकार..!

घर घर में स्वच्छता अभियान चलाओ,

शौचालय का उन्हें महत्व बताओ..!

स्वच्छ भारत अभियान चलाओ,

भारत को गंदगी मुक्त बनाओ..!

प्लास्टिक को कर दो तुम हमेशा बैन,

कपडे की थैली को दो तुम उसका स्थान..!

प्रदुषण को हम न बढ़ाये,

प्लास्टिक को हम दूर भगाएं..!

चलो रखें हम कुदरत का ध्यान,

पेड़ पौधे लगाये हम मिलके साथ..!

स्वच्छ भारत अभियान चलाओ,

भारत को गंदगी मुक्त बनाओ..!

पेड़ न काँटों हम कोई इंसान,

यही देंगे हम सबको ज्ञान..!

नदियों में कचरा हम नहीं डालेंगे,

कूड़ा दान में ही कचरा डालेंगे..!

बीमारी से दूर रहे हर इंसान,

चलो चलाये स्वच्छता अभियान..!

स्वच्छ भारत अभियान चलाओ,

भारत को गंदगी मुक्त बनाओ..!

Swachh bharat abhiyan kavita

 

Swachh bharat abhiyan chalao,

Bharat ko gandagi mukt banao..!

Har ghar rahe bharat ka saaf,

Man me apne than lo ye baat..!

Dustbin ghar me rakh lo aaj,

Usme hi dalo kachra bekar..!

Ghar ghar me swachhata abhiyan chalao,

Shauchalay ka unhe mahatva batao..!

Swachh bharat abhiyan chalao,

Bharat ko gandagi mukt banao..!

Plastic ko kar do tum hamesha ban,

Kapde ki thaili ko do tum uska sthan..!

Pradushan ko hum na badhaye,

Plastic ko hum dur bhagaye..!

Chalo rakhen hum kudrat ka dhyan,

Ped paudhe lagaye hum milke sath..!

Swachh bharat abhiyan chalao,

Bharat ko gandagi mukt banao..!

Ped na kanto hum koi insaan,

Yahi denge hum sabko gyan..!

Nadiyon me kachra hum nahi dalenge,

Kuda dan me hi kachra dalenge..!

Bimari se dur rahe har insaan,

Chalo chalaye swachhata abhiyan..!

Swachh bharat abhiyan chalao,

Bharat ko gandagi mukt banao..!

Cleanliness poem in hindi
चलो रखे घर साफ़ हमारा (स्वच्छता पर कविता)

चलो रखे घर साफ़ हमारा,

यही रहे हम सब का नारा..!

झाड़ू-डस्ट बिन का तुम रखो ध्यान,

सफाई में वो रोज आये काम..!

ध्यान रखो खुद का तुम पहले,

मास्क और हैंड ग्लो पहन लो सफाई से पहले..!

खुद ही सीखते पहले हम,

रोज घर साफ़ है करते हम..!

चलो रखे घर साफ़ हमारा,

यही रहे हम सब का नारा..!

बैडरूम से शुरू करते काम हमारा,

साफ़ करेंगे बैडरूम का कोना कोना..!

झाड़ू से बैडरूम साफ़ करते है,

डस्टबिन में ही वो कचरा डालते है..!

तकिया बेडशीट हम धुलवाते,

गंदे कीटाणु यू ही मर जाते..!

चलो रखे घर साफ़ हमारा,

यही रहे हम सब का नारा..!

अभी आयी है किचन की बारी,

चलो करते है किचन साफ हमारी..!

कोने कोने का कचरा साफ़,

करते है किचन का झाड़ू से आप..!

किचन में डस्टबिन रख लेना,

उसमे है किचन का कचरा हमें डालना..!

बर्तन करो अच्छे से साफ़,

धूल न बैठे इसका रखें ध्यान..!

फर्श कर लो अब किचन की साफ,

अब किचन से फ्री हो गए आप..!

चलो रखे घर साफ़ हमारा,

यही रहे हम सब का नारा..!

अब आयी हमारे हॉल की बारी,

चलो करे हॉल साफ़ हमारी..!

झाड़ू से कचरा साफ़ कर लेते,

हॉल के डस्टबिन में ही डाल देते..!

कोना कोना हो गया है अब साफ़,

हॉल दिखे हमारा क्लीन और फर्स्ट क्लास..!

चलो रखे घर साफ़ हमारा,

यही रहे हम सब का नारा..!

अब आयी आँगन की बारी,

आँगन भी हमें वैसे ही है साफ़ करनी..!

बैडरूम, किचन सब हो गए साफ़,

हॉल और आँगन के साथ साथ..!

अब हो गया घर साफ़ हमारा,

कितना सुन्दर दिखे ये घर हमारा..!

रोज रखे घर साफ़ हमारा,

यही रहे हम सब का नारा..!

चलो रखे घर साफ़ हमारा,

यही रहे हम सब का नारा..!

Poem on Cleanliness

 

Chalo rakhe ghar saaf hamara,

Yahi rahe hum sab ka nara..!

Jhadu-dust bin ka tum rakho dhyan,

Safai me wo roj aaye kam..!

Dhyan rakho khud ka tum pahle,

Mask aur handglove pahanlo safaai se pahle..!

Khud hai sikhte pahle hum,

Roj ghar saaf hai karte hum..!

Chalo rakhe ghar saaf hamara,

Yahi rahe hum sab ka nara..!

Bedroom se shuru karte kam hamara,

Saaf karenge bedroom ka kona kona..!

Jhadu se bedroom saaf karte hai,

Dust bin me hi wo kachra dalte hai..!

Takiya bedsheet hum dhulwate,

Gande kitanu u hi mar jate..!

Chalo rakhe ghar saaf hamara,

Yahi rahe hum sab ka nara..!

Abhi aayi hai kitchen ki baari,

Chalo karte hai kitchen saaf hamari..!

Kone kone ka kachara saaf,

Karte hai kitchen ka jhadu se aap..!

Kitchen me dustbin rakh lena,

Usme hai kitchen ka kachra hame dalna..!

Bartan karo achhe se saaf,

Dhul na baithe iska rakho dhyan..!

Farsh kar lo ab kitchen ki saaf,

Ab kitchen se free ho gaye aap..!

Chalo rakhe ghar saaf hamara,

Yahi rahe hum sab ka nara..!

Ab aayi hamare hall ki bari,

Chalo kare hall saaf hamari..!

Jhadu se kachra saaf kar lete,

Hall ke dustbin me hi dal dete..!

Kona kona ho gaya hai ab saaf,

Hall dikhe hamara clean aur first class..!

Chalo rakhe ghar saaf hamara,

Yahi rahe hum sab ka nara..!

Ab aayi aangan ki baari,

Aangan bhi hame vaise hi hai saaf karni..!

Bedroom, kitchen sab ho gaye saaf,

Hall aur aangan ke sath sath..!

Ab ho gaya ghar saaf hamara,

Kitna Sundar dikhe ye ghar hamara..!

Roj rakhe ghar saaf hamara,

Yahi rahe hum sab ka nara..!

Chalo rakhe ghar saaf hamara,

Yahi rahe hum sab ka nara..!

Best Hindi Cleanliness poem 
साफ़ सफ़ाई न रखते हो आप

 

सबसे बुरी लगती है एक बात,

साफ़ सफ़ाई न रखते हो आप..!

मम्मी ने गुलाब जाम बनायीं,

पैकेट को बाहर फेंक आयी..!

पापा के दोस्त घर आते है,

फालतू सब कचरा कर जाते है..!

डस्टबिन रखे है रूम्स में मैंने,

लेकिन वह रोज खाली दीखते है..!

दीदी का भी काम है गंदा,

फर्श पर है रोज कागज़ है फेकना..!

सबसे बुरी लगती है एक बात,

साफ़ सफ़ाई न रखते हो आप..!

बाहर घूमने जब भी जाता हूं,

रस्ते पे कचरा ही पाता हूँ..!

कोई न रखता है साफ़ सफाई का ध्यान,

कैसे बढेगा हमारे देश का सम्मान..!

सबसे बुरी लगती है एक बात,

साफ़ सफ़ाई न रखते हो आप..!

जहां भी खाने मै जाता हु,

वह गंदगी ही मैं पाता हूँ..!

डस्ट बिन का तुम करो इन्तेज़ाम,

साफ़ सफाई रखने के वो आये रोज काम..!

सबसे बुरी लगती है एक बात,

साफ़ सफ़ाई न रखते हो आप..!

बस इतनी सिफारिश मै हु करता,

साफ़ सफाई के हो आप कर्ता धर्ता..!

साफ़ सफाई का तुम रखो ध्यान,

उसका दो तुम सबको ज्ञान..!

सबसे बुरी लगती है एक बात,

साफ़ सफ़ाई न रखते हो आप..!

Poem on Cleanliness for class 1

Sabse buri lagti hai ek baat,

Saaf safai na rakhte ho aap..!

Mummy ne gulab jaam banayi,

Packet ko baahar fek aayi..!

Papa ke dost ghar aate hai,

Faltu sab kachra kar jate hai..!

Dustbin rakhe hai rooms me maine,

Lekin woh roj khali dikhte hai..!

Didi ka bhi kam hai ganda,

Farsh par hai roj kagaz hai fekna..!

Sabse buri lagti hai ek baat,

Saaf safai na rakhte ho aap..!

Baahar ghumne jab bhi jata hu,

Raste pe kachra hi pata hu..!

Koi na rakhta hai saaf safai ka dhyan,

Kaise badhega hamare desh ka samman..!

Sabse buri lagti hai ek baat,

Saaf safai na rakhte ho aap..!

Jaha bhi khane mai jata hu,

Waha gandagi hi mai paata hu..!

Dust bin ka tum karo intezam,

Saaf safai rakhne ke wo aaye roj kaam..!

Sabse buri lagti hai ek baat,

Saaf safai na rakhte ho aap..!

Bas itni sifarish mai hu karta,

Saaf safai ke ho aap karta dharta..!

Saaf safai ka tum rakho dhyan,

Iska do tum sabko gyan..!

Sabse buri lagti hai ek baat,

Saaf safai na rakhte ho aap..!

Kuchh swachh sandesh:

Cleanliness poem in hindi में मैंने स्वच्छता के बारे में मेरे कुछ वर्ड इस कविता के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास किया है और भारत को स्वच्छ रखने का भी प्रण लिया है तो ये आप भी कर सकते है.

स्वच्छ रहे सुरक्षित रहे घर में साफ़ सफाई रखे और मेरी ये स्वच्छ भारत पर कविता आप को कैसी लगी ये जरुर बताए।

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