नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए poem on life hindi लाये है जो की इस lockdown zindagi 2020 का हाल बयां करती है जो की कुछ सिखाती है जो हमने poem on zindagi के माध्यम से आप तक पोहचायी है।
क्या आप को पता है की इस lockdown में आप को कौन से नियमों का पालन करना है ? मुझे पता है की आपको भी ज़रूर पता होगा की आप को और अपने फैमिली को इस कोरोना के महामारी से कैसे बचना है।
हमने इस lockdown में कोरोना से कैसे बचना है ये poem on life hindi during lockdown के तीन कविता के माध्यम से आप तक पोहोचाने की कोशिश की है आप इस कविता को ज़रूर पढ़े और इसे लोगों में शेयर ज़रूर करे।
एहसास ज़िन्दगी का hindi poem on zindagi
बंद पिंजरे में लगता है कैसे..
इंसान भी अब समझा होगा !
हर वो पंछी जो है कैद..
सांस कैसे लेता होगा !!
पंख होते हुए भी उड़ नहीं सकते..
ये दुःख कैसे सहता होगा !
बंद कमरे में जकड़ा इंसान..
कीमत खुद की समझा होगा !!
पैसा ही नहीं होता सब कुछ..
रिश्तों की अहमियत जान गया होगा !
तरसते है अपने लोग अपने लिए..
घर रह कर उसने पहचाना होगा !!
ये वक़्त भी जल्द गुज़र जायेगा..
सुनहरे दिन फिर से वापस लाएगा !
क़ैद खाने में बंद इंसान..
फिर से बड़ी उड़ान लगाएगा !!
पाँव जमीं पर रख के ही चल..
चाहे जितनी दूर तू उड़ान लेगा !
अपनों को साथ ले चल हमेशा..
हर पल तेरा चमकता होगा !!
Ehsaas zindagi ka poem on life hindi
Band pinjare me lagta hai kaise..
Insaan bhi ab samjha hoga !
Har wo panchhi jo hai kaid..
Saans kaise leta hoga !!
Pankh hote huye bhi udd nahi sakte..
Ye dukh kaise sahta hoga !
Band kamre me jakda insaan..
Kimat khud ki samjha hoga !!
Paisa hi nahi hota sab kuchh..
Rishton ki ahmiyat jaan gaya hoga !
Taraste hai apne log apne liye..
Ghar reh kar usne pehchana hoga !!
Ye waqt bhi jald gujar jayega..
Sunehre din fir se wapas layega !
Qaid Khane me band insaan..
Fir se badi udaan lagayega !!
Paon jami par rakh ke hi chal..
Chahe jitni dur tu udaan lega !
Apno ko saath le chal hamesha..
Har pal tera chamakta hoga !!
Lockdown के वो दिन hindi poem on life and death
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
2020 का मार्च महीना जब आता..
सबको lockdown करके जाता..
सभी लोग घर में बंद हो जाते..
Lockdown खुलने का इंतज़ार है करते…
Lockdown जल्दी खुल नहीं पाता..
घर में सब बोर हो जाते…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
ऐसे चले जाता है मार्च महीना…
बाहर जाने देता कही ना…
लेकर उम्मीदें आता अप्रैल महीना..
खुश होता है सबका चेहरा…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
लेकिन तब निराशा है छाती…
चेहरे की मुस्कान फिर से है जाती…
सब हो जाता है राम भरोसे…
कोई भी तब ना सो पाते…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
तब आती है समझ में बात…
नहीं छोड़ेंगे हम किसी का साथ…
सब है हम एक प्रण लेते…
बिना काम के बाहर नहीं जाते…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
अप्रैल महीना भी है जाता…
कोरोना से बचने के उपाय सिखाते…
Lockdown में हम घर पर ही रहते..
सब लोगों को हम यही है कहते…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
तब आता है मई का महीना…
कोई किसी से नहीं है मिलता…
यही संदेश हम सभी को है देते..
बच्चे बूढ़े सभी को है देते…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
एक बात सभी को है सिखानी…
Sanitizer से है हाथ धोने की बारी..
नहीं लगाये मुँह को हाथ…
बिना धोये Sanitizer से हाथ…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
ना जाये घर से बाहर बे मतलब कोई…
जाये तो ज़रूर लगाये मास्क हर कोई…
बस इतनी सी सुनो मेरी बात…
लड़ना है हम सब को एक साथ…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
तब आता है जून का महीना…
बढ़ती संख्या का हाल है सुनाता..
देख देश का ये बुरा हाल..
सोचता हु कैसा जायेगा ये साल..
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
मैं खुद से अब एक प्रण ले लेता…
रोज sanitizer से हाथ हुँ धोता…
घर की सारी सफाई करता..
काम में मम्मी को मैं हाथ बटाता…
इससे मम्मी भी खुश हो जाती…
मुझे रोज अच्छे अच्छे पकवान खिलाती…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
जून महीना ख़त्म हो जाता…
जुलाई महीना दस्तक दे जाता…
हम सब मास्क लगा के बाहर जाते..
हमेशा sanitizer से हाथ है धोते…
ऐसा ही जुलाई खत्म हो जाता…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
अगस्त महीना अब है आया…
सभी को मास्क पहनना है भैया…
सोशल डिस्टेंस बनाये रखना…
कोरोना का खतरा होने से है बचना…
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
Sanitizer रोज उसे है हमें करना..
उसके बाद ही खाना है खाने…
आज हम सब एक प्रण लेते है..
यही rule हमेशा follow करते रहेंगे…
कोरोना से हम एक दिन जित ही जायेंगे…
हर घर में फिर से ख़ुशियाँ पाएंगे..
आप हो देश की आन, बान और शान…
लड़ लो आज इस महामारी से सीना तन..
2020 की है एक अजब कहानी..
सभी तरफ है हानि हानि..
Lockdown ke wo din – hindi poem on life and death
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
2020 ka march mahina jab ata..
sabko lockdown karke jata..
Sabhi log ghar me band ho jate..
Lockdown khulne ka intezar hai karte…
Lockdown jaldi khul nahi pata..
Ghar me sab bore ho jate…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Aise chale jata hai march mahina…
Bahar jane deta kahi na…
Lekar ummiden ata april mahina..
Khush hota hai sabka chehra…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Lekin tab nirasha hai chhati…
Chehre ki muskan fir se hai jati…
Sab ho jata hai ram bharose…
Koi bhi tab na so pate…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Tab ati hai samajh me baat…
Nahi chhodenge hum kisi ka sath…
Sab hai hum ek pran lete…
Bina kam ke bahar nahi jate…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
April mahina bhi hai jata…
Corona se bachne ke upay sikhata…
Lockdown me hum ghar par hi rehte..
Sab logon ko hum yahi hai kehte…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Tab ata hai may ka mahina…
Koi kisise nahi hai milta…
Yahi sandesh hum sabhi ko hai dete..
Bachhe budhe sabhi ko hai dete…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Ek baat sabhi ko hai sikhani…
Sanitizer se hai hath dhone ki bari..
Nahi lagaye muh ko hath…
Bina dhoye sanitizer se hath…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Na jaye ghar se bahar bematlab koi…
Jaye to jarur lagaye mask har koi…
Bas itni si suno meri baat…
Ladna hai hum sab ko ek sath…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Tab ata hai june ka mahina…
Badhti sankhya ka hal hai sunata..
Dekh desh ka ye bura hal..
Sochta hu kaisa jayega ye saal..
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Mai khud se ab ek pran le leta…
Roj sanitizer se hath hu dhota…
Ghar ki sari safai karta..
Kam me mummy ko mai hath batata…
Isse mummy bhi khush ho jati…
Mujhe roj achhe achhe pakwan khilati…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
June mahina khatm ho jata…
July mahina dastak de jata…
Hum sab mask laga ke bahar jate..
Hamesha sanitizer se hath hai dhote…
Aisa hi july khtm ho jata…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
August mahina ab hai aya…
Sabhi ko mask pahnana hai bhaiya…
Social distance banaye rakhna…
Corona ka khatra hone se hai bachna…
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Sanitizer roj use hai hame karna…
Uske bad hi khana hai khana…
Aaj ham sab ek pran lete hai…
Yahi rule hamesha follow karte rahenge…
Corona se hum ek din jit hi jayenge…
Har ghar me fir se khushiyan payenge..
App ho desh ki aan ban aur shan…
Ladlo aaj iss mahamari se sina tan..
2020 ki hai ek ajab kahani..
Sabhi taraf hai hani hani..
Lockdown का पेटूराम – Funny poem on life hindi during lockdown
एक था दिन वो lockdown का..
तब हुआ मन हमें गोल गप्पे खाने का…
Lockdown में सब बंद था यारों…
क्या करता घर लौट आया यारों…
फिर दिमाग जोर से चलने लगा…
दिमाग में एक धांसू आइडिया आया..
जोर जोर से रोने लगा पापा को सताने लगा…
पापा बोले बैठ बेटा चुप…
बाहर का नहीं खाते कुछ…
फिर मम्मी से कहने लगा…
गोलगप्पे खाना है मम्मा…
मम्मी को इमोशनल ब्लैकमेल किया…
मम्मी ने गोल गप्पे बना के दिया…
Lockdownके दिन रोज बढ़ते गए…
हम बच्चे रोज बोर होते रहे…
फिर दिमाग में एक आइडिया आयी…
मम्मी को गुलाब जामुन खाने की इच्छा जताई…
मम्मी ने गुलाब जामुन बना ये…
मैंने उसे दबा के खाए…
ऐसा रोज चलता ही रहता…
मैं अपना पेट भरता ही रहता…
एक दिन मम्मी ने गरम भजिया बनाई..
मुझे हाथ धोने की याद न आयी…
टूट पड़ा मैं भजिया पे वैसे…
मम्मी-पापा की डांट खाई जोर से…
तब मुझ को एक बात समझ में आयी..
खाने से पहले हाथ धोऊंगा भाई…
Sanitizer से हाथ धोता अब हर रोज..
फिर खाना खाता हूँ मैं हर रोज…
इस कविता से सीखो तुम…
सांइटिज़ेर से हाथ रोज धो डालो तुम…
बाहर जाओ तुम मास्क पहन के…
जिओ जिंदगी एक योद्धा बन के…
Lockdown ka peturam – Funny poem on life hindi during lockdown
Ek tha din wo lockdown ka..
Tab hua man hame gol gappe khane ka…
Lockdown me sab band tha yaaron…
Kya karta ghar laut aya yarron…
Fir dimag jor se chalne laga…
Dimag me ek dhansu idea aaya..
Jor jor se rone laga papa ko satane laga…
Papa bole baith beta chup…
Bahar ka nahi khate kuch…
Fir mummy se kehne laga…
Golgappe khana hai mumma…
Mumma ko emotional blackmail kiya…
Mumma ne gol gappe banake diya…
Lockdown ke din roj badhte gaye…
Hum bachhe roj bore hote rahe…
Fir dimag me ek idea ayi…
Mumma ko gulab jamun khane ki ichha jatai…
Mumma ne gulab jamun banaye…
Maine use daba ke khaye…
Aisa roj chalta hi rehta…
Mai apna pet bharta hi rehta…
Ek din mummy ne garam bhajiya banai..
Mujhe hath dhone ki yaad na aayi…
Tut pada mai bhajiya pe vaise…
Mummy-papa ki dat khai jor se…
Tab mujhko ek baat samajh me aayi..
Khane se pehle hath dhounga bhai…
Sanitizer se hath dhota ab har roj..
Fir khana khata hu mai har roj…
Iss kavita se sikho tum…
Sanitizer se hath roj dho dalo tum…
Bahar jao tum mask pehan ke…
Jio zindagi ek yoddha ban ke…
Must read: School life hindi poem 2020
Final Words:
Humne aapko poem on life hindi की कविताएं सुनाई है जो आपको इस कोरोना महामारी की कुछ हल बताती है और इस कविता से कुछ आपको सिख भी मिलती है ये तो आपने कविता पढ़ने के बाद सिखा ही होगा और आपको ये कविताएं अच्छी भी लगी होंगी।
और एक बात जो आपको बतानी है की इस कविता से आप को क्या सीख मिली ये बताना तो बनता है लेकिन यह बात तो सभी को पता है लेकिन इसे follow बहुत कम लोग करते है तो इस कोरोना महामारी में आपका सपोर्ट बहुत आवश्यक है।
और आखिर यही कहना चाहूँगा की अगर थोड़ी भी ये कविता से आप कुछ सीखे हो तो अपने friends को शेयर करे ताकि उन्हें भी पता चले।
ऐसे ही पढ़ते रहिये हमारे प्यारे blogs इस site www.fineststatus.in पे…